हुनर के दम पर राष्ट्रीय पुरस्कार की कतार में शिक्षक

मथुरा से तीन शिक्षक-शिक्षिका हैं पुरस्कार की कतार में - विद्यालय में शिक्षण कार्य किया बेहतर विद्यालय की कायाकल्प

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:52 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:52 AM (IST)
हुनर के दम पर राष्ट्रीय पुरस्कार की कतार में शिक्षक
हुनर के दम पर राष्ट्रीय पुरस्कार की कतार में शिक्षक

संवाद सहयोगी, मथुरा : इस वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार की कतार में मथुरा के तीन शिक्षक-शिक्षिका हैं। यह अपने हुनर के दम पर राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार पाना चाहते हैं। यह वह शिक्षक हैं, जिन्होंने अपने दम पर विद्यालय में न केवल शिक्षा का वातावरण बेहतर किया, बल्कि पूरा ध्यान छात्र-छात्राओं के विकास पर केंद्रित कर दिया।

शिक्षक छात्र-छात्राओं का केवल व्यक्तित्व विकास ही नहीं करते हैं, बल्कि दिमाग की कुंजी भी खोलते हैं। राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए ऐसे ही बेहतर कार्य करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं के आवेदन मांगे गए थे। मथुरा से इस पुरस्कार की कतार में किशोरी रमण ग‌र्ल्स इंटर कालेज की प्रधानाचार्य डा. शालिनी अग्रवाल, राजकीय इंटर कालेज के शिक्षक विजय कुमार शर्मा, प्राथमिक विद्यालय मांट की प्रधानाध्यापक नीरज मथुरिया हैं। तीनों शिक्षक-शिक्षिका का राज्य स्तर पर साक्षात्कार हो गया है। जल्द ही राष्ट्र स्तर के लिए परिणाम आएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. राजेंद्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए जिले से तीन शिक्षक-शिक्षिका का साक्षात्कार राज्य स्तर पर हो गया है। जल्द ही परिणाम आना है। छात्रों को उपलब्ध कराए नोट्स

जीआइसी विद्यालय के शिक्षक विजय कुमार शर्मा बताते हैं कि उन्होंने कोरोनाकाल में छात्र-छात्राओं के हित में कार्य किए हैं। कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए भौतिक विज्ञान के वीडियो यू ट्यूब पर अपलोड किए। यह वीडियो छात्र-छात्राओं के लिए निश्शुल्क उपलब्ध थे। महत्वपूर्ण टापिक पर नोट्स तैयार किए और जिन छात्र-छात्राओं के पास मोबाइल नहीं थे, उनको उपलब्ध कराए। शहर और गांवों में 400 स्थानों पर नोट्स वितरित किए। विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से किया। विद्यालय की कायाकल्प

प्राथमिक विद्यालय मांट की प्रधानाध्यापक नीरज मथुरिया ने वर्ष 2019 में राज्य अध्यापक पुरस्कार भी जीता था। वह कहती हैं कि उन्होंने विद्यालय की कायाकल्प करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। विद्यालय के लिए पिछले माह 1200 वर्गगज जगह नगर निगम से स्वीकृत हुई है, इसके लिए वह दस साल से संघर्ष कर रहीं थीं। छात्र-छात्राओं को बेहतर पढ़ाने के साथ विद्यालय की कायाकल्प की। विद्यालय में आरओ, सबमर्सिबल, इनवर्टर की व्यवस्था की। विद्यालय का सुंदरीकरण किया। परीक्षाओं में दिए बेहतर परिणाम

किशोरी रमण ग‌र्ल्स इंटर कालेज की प्रधानाचार्य डा. शालिनी अग्रवाल

बताती हैं कि पढ़ाई के साथ खेलों में भी छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और विद्यालय की छवि को निखारा। वर्ष 2018 में विद्यालय की छात्रा अनीषा ने इंटर में प्रदेश की टाप 10 की सूची में अपना स्थान भी बनाया। खेलों में भी छात्राओं ने नाम रोशन किया। टाइक्वांडो, जूडो, फुटबाल जैसे खेलों में छात्राएं बेहतर प्रदर्शन करने लगीं। विद्यालय में सफाई व्यवस्था बेहतर की।

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