घुंघरुओं की झंकार से गूंजा सूरदास का मंच

महाकवि सूरदास महोत्सव में पदों पर किया कथक व कुचिपुड़ी नृत्य

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 12:27 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 12:27 AM (IST)
घुंघरुओं की झंकार से गूंजा सूरदास का मंच
घुंघरुओं की झंकार से गूंजा सूरदास का मंच

वृंदावन, जासं। महाकवि सूरदास के पद आज भी लोगों के जहन में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इन पदों के गायन पर कथक और कुचिपुड़ी नृत्य देखा तो संगीत प्रेमी झूम उठे। घुंघरुओं की झंकार और लय, ताल और सुरों के इस संगम की एक से बढ़कर एक अद्भुत प्रस्तुति ने दर्शकों को घंटों बांधे रखा। जब नृत्य खत्म होता पूरा प्रेक्षागृह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता।

रमणरेती मार्ग स्थित वृंदावन शोध संस्थान के प्रेक्षागृह में चल रहे महाकवि सूरदास महोत्सव में मंगलवार की शाम भजन गायिका गायत्री शर्मा ने महाकवि सूरदास को नमन करते हुऐ रे मन कृष्ण नाम कहलीजे से शुरुआत की। इसके बाद कथक नृत्यांगना उमा डोगरा ने सूर के पदों पर कथक नृत्य की मुग्ध कर दिया। सारा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कथक की शानदार प्रस्तुति के बाद बेंगलुरु से आई वैजयंती काशी व प्रतीक्षा काशी द्वारा कुचिपुड़ी नृत्य की भव्य व एक अनूठी प्रस्तुति दी। महोत्सव में कलावृक्ष कथक केंद्र की शिष्याओं द्वारा बहुत ही प्यारी कथक नृत्य प्रस्तुति दी। छोटी-छोटी बालिकाओं ने बहुत ही कम समय में प्रस्तुति देकर सबका मन जीत लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत जिला पंचायत अध्यक्ष ममता चौधरी, डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा, संयोजिका कथक नृत्यांगना गीतांजलि शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित करके की। शुरूआत गीतांजलि शर्मा की कथक गुरु उमा डोगरा के सम्मान में गुरु वंदना हुई। गीतांजलि ने कहा कि जो मैने अपने गुरुओं से सीखा है वो समाज को लौटना चाहती हूं। मेरा सपना है कि सूरदास महोत्सव विश्व पटल पर प्रकाशित हो। ममता चौधरी ने कहा सूरदास महोत्सव श्रेष्ठ प्रयास है। सूरदास के पद समाज का मार्गदर्शन करते हैं। डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा ने कहा सूरदास महोत्सव जैसे आयोजन संस्कृति का ज्ञान बढ़ाते हैं। आइएएस राजेंद्र पेंसिया ने कहा महोत्सव संस्कृति व कला के लिए उनका श्रेष्ठ योगदान है।

अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी, डॉ. अशोक कुमार, चंदन पांडेय, एससी दीक्षित, माधव आचार्य, मोहित शर्मा, मुकेश राठौर, डॉ. पीआर शास्त्री, सुकुमार गोस्वामी, रजत शुकला, कर्वेदर ¨सह, अशोक दीक्षित, कुनाल मौजूद रहे। संचालन टीवी कलाकार श्रुति शर्मा ने किया।

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