कुपोषण पर वार को तकनीक का सहारा

सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब दिया जाएगा एक-एक एंड्रायड मोबाइल - कुपोषित बचों की अब मोबाइल पर ही अपडेट करनी होगी रिपोर्ट

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:45 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:45 AM (IST)
कुपोषण पर वार को तकनीक का सहारा
कुपोषण पर वार को तकनीक का सहारा

जागरण संवाददाता, मथुरा: अब जिले के कुपोषित बच्चों को स्वस्थ बनाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। जिसके तहत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक-एक एंड्रायड मोबाइल दिया जा रहा है। जिसके लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी को 2086 मोबाइल उपलब्ध भी करा दिए गए हैं। साथ ही हर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दो-दो सौ रुपये प्रतिमाह रिचार्ज कराने के लिए भी दिए जाएंगे।

जिले में 2363 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जहां पर करीब सात हजार कुपोषित बच्चे पंजीकृत हैं। अभी तक अतिकुपोषित बच्चों को रिपोर्ट आंगनबाड़ी केंद्रों पर लेने के बाद सीडीपीओ के माध्यम से कार्यालय को उपलब्ध कराई जाती थी। इसके बाद पूरे जिले की रिपोर्ट को कंपाइल करके शासन को भेजा जाता था। जिसमें काफी समय लगता था, लेकिन अब आंगनबाड़ी केंद्र से ही रिपोर्ट मोबाइल के पोषण ट्रेकर एप पर अपडेट की जाएगी। जिसे आनलाइन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जिले से लेकर लखनऊ तक देख सकेंगे। सभी मोबाइल में पोषण ट्रेकर एप पहले से ही अपलोड कराया गया है। इसमें जिले के कुपोषित हर एक बच्चे का पूरा रिकार्ड दर्ज है। - आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण : एंड्राइड मोबाइल चलाने के साथ-साथ पोषण ट्रेकर एप का संचालन करने के लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले डीएम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा। जिनकी स्वीकृति पर ब्लाक स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एकत्रित किया जाएगा। जहां मोबाइल का वितरण किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण की शुरुआत होगी। इसी माह के अंत तक यह पूरा कार्य होना है।

- वर्जन -

शासन से 2086 मोबाइल उपलब्ध हो गए हैं। जल्द ही वितरण कार्यक्रम शुरू होगा। मोबाइल में पोषण ट्रेकर एप है, जिसके संचालन को सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे उन्हें अपने केंद्र पर पंजीकृत कुपोषित बच्चों की रिपोर्ट अपडेट करने में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो।

अभिनव कुमार मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी

chat bot
आपका साथी