कान्हा की धरा पर नहीं रहे राज्यीय पक्षी के घोंसले

सरस की घटी संख्या पिछले महीने देखे गए 68 वयस्क और सात किशोर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:43 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:43 AM (IST)
कान्हा की धरा पर नहीं रहे राज्यीय पक्षी के घोंसले
कान्हा की धरा पर नहीं रहे राज्यीय पक्षी के घोंसले

जागरण संवाददाता, मथुरा: कान्हा की धरा पर राज्यीय पक्षी सारस के घोंसले खोजने पर भी नहीं पाए। इनकी संख्या में लगातार कमी आ रही है। तीन साल पहले यहां 131 सारस पाए गए थे। पिछले महीने सितंबर में हुई गणना में 75 ही नजर आए। इनमें 68 वयस्क और 7 किशोर सारस दिखाई दिए। घोंसला तो जिले भर में भी खोजने पर नहीं मिल सका।

पक्षियों के लिए प्राकृतिक वास तैयार करने की पहल वर्ष 2009 में की गई थी। अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अहमदाबाद ने सैटेलाइट से जिले भर में 1877 वेटलैंड चिन्हित किए थे। इन सभी को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दिया था। वर्ष 2015 में तत्कालीन डीएम राजेश कुमार सिंह ने इन सभी को पक्षियों के प्रवास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए योजना बनाई थी, लेकिन वह कागजों में ही दफन होकर रह गई। पक्षियों के प्रवास के प्राकृतिक वास धीरे-धीरे खत्म होते चले गए। सितंबर में वन विभाग ने राज्यीय पक्षी सारस की गणना कराई। इसमें वयस्क, किशोर और उनके घोंसले खोजे गए। 68 वयस्क और 7 किशोर सारस पाए गए, जबकि उनका कोई घोंसला कहीं पर भी नहीं मिला। तीन साल पहले सारस की संख्या यहां 131 पाई गई थी। जो घटकर अब 75 रह गई है। सारस की संख्या में आई कमी के भी वन विभाग ने कारण गिनाए। कई स्थानों पर जंगल खत्म हो गए और वहां कृषि क्षेत्र का विस्तार हो गया। खेतों में लगातार कीटनाशक का प्रयोग से कीट मर गए और पक्षियों के सामने भोजन का संकट पैदा हो गया। पक्षियों के प्रवास के लिए जो स्थान थे, उन पर अतिक्रमण कर लिया गया। वन विभाग ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में सारस की संख्या में आई कमी के यही कारण बताए हैं। -जंगली जीवों में भी कमी : जंगली जीव भी कम हो रहे हैं। बंदरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं, लेकिन वन रोज कम हुए हैं। नौहझील, बलदेव और राया क्षेत्र में गंग नहर के किनारे जंगली शूकर की संख्या में बढ़ी हैं। कई जंगली जीवों की संख्या तो अंगुलियों पर गिनी जा सकती है। इनमें चीतल और हिरन शामिल है। ये यमुना की तलहटी में पाए थे। जो अब नजर नहीं आ रहे हैं। काला हिरन तो वन विभाग और एक आश्रम में रह गया है। ये हैं जीव

-19 काला हिरन

-38 शूकर पाड़ा हिरन

-4062 वनरोज

-17 चीतल

-22 बारहसिघा

-12काकड

-21707बंदर

-31लंगूर

-3 भेडिया

-83 लोमड़ी

-177 सियार

-3946 मोर

-520 वनगाय

-77 जंगली बिल्ली

-20 बिच्छू

-53 सेही

-99 गोह

(जून 2019 में देखे गए जंगली जीव) -सारस की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी रखे हुए हैं। इनकी संख्या में बढ़ोतरी के लिए अभी कोई विशेष प्लान नहीं बना है। वहीं दूसरी तरफ वेट लैंड विकसित करने की योजना बनाई गई हैं, लेकिन अभी शासन से धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। धनराशि प्राप्त होने पर इनको विकसित किया जाएगा।

-रजनीकांत मित्तल, डीएफओ

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