किसी का आवदेन गायब तो कोई मकान की किश्त को परेशान

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना शहरी में आवास निर्माण के लिए मिल रहे ढाई लाख रुपये के अनुदान को लेने के लिए गरीबों की लंबी लाइन लगी हुई है। पर उनको मकान नहीं मिल पा रहे हैं। डूडा कार्यालय में अभ्यर्थियों को संतोष जनक जबाव नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 12:23 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 12:23 AM (IST)
किसी का आवदेन गायब तो कोई मकान की किश्त को परेशान
किसी का आवदेन गायब तो कोई मकान की किश्त को परेशान

जागरण संवाददाता, मथुरा:

केस एक: मनीषपुरम कॉलोनी की ¨पकी और मुन्नी ने दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का लाभ लेने के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) से आवास बनवाने के लिए आवेदन किया। अभी तक उनका चयन नहीं हुआ है। यहां तक उनके आवेदन निरस्त हो गया है या फिर प्रक्रिया में हैं। यह भी दोनों को कार्यालय से कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। केस दो: महावन के मुहल्ला हनुमान गढ़ी की भगवानदेवी का चयन होने पर उसने अपना कच्चा आवास गिरा दिया। अगस्त के पहले पखवाड़े में मिले किश्त के पचास हजार रुपये से चौखट तक दीवार बनवा दी। छत डलवाने के लिए पैसे मांगने आ रही लाभार्थी से 1.30 लाख रुपये में अपने पास लगाने को कहा जा रहा है, जबकि कर्ज लेकर इससे अधिक रुपये खर्च हो गए। तिरपाल के नीचे रहने का मजबूर है। जागरण संवाददाता, मथुरा: ¨पकी, मुन्नी, भगवानदेवी की तरह बिरला मंदिर गली नबंर चार निवासी राजकुमारी, सराय आजमाबाद निवासी उर्मिला भी मंगलवार को डूडा कार्यालय पहुंची थी। वे भी प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का लाभ लेने चार-पांच माह में यहां आठ से दसवीं बार आईं थीं। आवेदन पत्र का सत्यापन होने की कहकर उनको टरकाया जा रहा है। उनको यह नहीं बताया जा रहा कि उनको चयन हुआ फिर उनका आवेदन रद कर दिया गया। करीब छह हजार गरीब योजना का लाभ लेने की कतार में हैं। --इनको मिलेगा लाभ

--जिसके पास अपना पक्का मकान नहीं हो

--3 लाख रुपये से कम की वार्षिक आय हो

--30 वर्ग मीटर कम से कम जमीन हो

--इतनी मिलेगी धनराशि:

--लाभार्थी को कुल 2.50 लाख दिए जाएंगे, जो वापस नहीं करने हैं

--पहली किश्त 50 हजार रुपये से लेंटर तक मकान बनाना है

-इसके बाद दूसरी किश्त 1.50 लाख रुपये मिलेंगे, पूरी होने शेष रुपये मिलेंगे

--लाभार्थी को 1.30 रुपये स्वयं लगाने हैं

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जो आवेदन प्राप्त हुए हैं। उनका सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद ही लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।

-सतीश कुमार, प्रोजेक्ट ऑफीसर डूडा

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