मुंह पर मास्क नहीं, शारीरिक दूरी की उड़ाई धज्जियां

शारीरिक दूरी पालन को लेकर आम आदमी अभी बरत रहा लापरवाही बाजारों में उमड़ी भीड़ से संक्रमण और फैलने का खतरा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 06:21 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 06:21 AM (IST)
मुंह पर मास्क नहीं, शारीरिक दूरी की उड़ाई धज्जियां
मुंह पर मास्क नहीं, शारीरिक दूरी की उड़ाई धज्जियां

जागरण संवाददाता, मथुरा: पुलिस की सुबह की सुस्ती, शाम की सख्ती और दोपहर में भीड़ का रेला। बाजारों में यही आलम है। कोरोना वायरस का प्रकोप थम नहीं रहा और लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच भी शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ रही हैं। मास्क लगाने में भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं।

कोरोना क‌र्फ्यू में जरूरी सामान की दुकानें खोलने की छूट है, लेकिन अधिकांश दुकानदार दुकानें खोल रहे हैं। किराना की दुकानों के अलावा अन्य दुकानें भी खुल रही हैं। सुबह ग्यारह बजे के बाद बाजार पूरी तरह बंद करने के आदेश हैं, लेकिन उसके बाद तक बाजार में दुकानें खोली जा रही हैं। लोग भी खरीदारी के लिए बाजार में एक साथ निकल रहे हैं। इससे सड़कों पर भीड़ कम नहीं हो पा रही है। कोतवाली रोड स्थित सब्जी मंडी में सुबह भीड़ अधिक हो रही है। यही स्थिति मुख्य फल एवं सब्जी मंडी की है। यहां फल एवं सब्जी मंडी को तीन स्थानों पर अलग-अलग लगाया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी लोगों के बीच शारीरिक दूरी नहीं बन पा रही है। कृषि उत्पादन मंडी समिति स्थित हाईवे के फ्लाईओवर के नीचे जाम लगने से दिल्ली-आगरा सर्विस रोड और सौंख रोड पर यातायात प्रभावित हो रहा है। यहां पुलिया का निर्माण कार्य चल रहा है। इसलिए जाम की स्थिति बनी रहती है। आटो चालक भी जाम का मुख्य कारण बन रहे हैं। खुले में खान-पान की सामग्री की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन उसके बाद भी महोली रोड, भूतेश्वर मार्ग, बीएसए कालेज, कृष्णा नगर, डीग गेट, दरेसी रोड, सदर बाजार, लक्ष्मी नगर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि लिक मार्ग, जयसिंह पुरा, गोवर्धन रोड समेत कई स्थानों पर लोग सुबह कचौड़ी-जलेबी बेच रहे हैं। कालोनियों में सुबह के नाश्ते की दुकानें खोली जा रही हैं। सुखदेव नगर में ढाबा तक संचालित किए जा रहे हैं। दुकानदार शाम को शटर बंद कर सामूहिक रूप से भोजन परोस रहे हैं। मनोहरपुरा, नई बस्ती, मटियागेट बस्ती की गलियों में तो मीट तक की बिक्री की जा रही है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इन पर नियंत्रण नहीं कर रहे हैं। अनावश्यक खोली जा रही दुकान और दुकानों में चलने वाले ढाबों के खिलाफ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।

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