शहीद रामवीर को मिला मरणोपरांत सेना मेडल गैलेंट्री अवार्ड

सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे द्वारा शहीद की वीर पत्नी को यह मेडल दिया गया

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:14 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:14 AM (IST)
शहीद रामवीर को मिला मरणोपरांत 
सेना मेडल गैलेंट्री अवार्ड
शहीद रामवीर को मिला मरणोपरांत सेना मेडल गैलेंट्री अवार्ड

संवाद सूत्र, कोसीकलां (मथुरा): गांव हुलवाना के शहीद रामवीर सिंह को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत सेना मेडल गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा गया है।

सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे द्वारा शहीद की वीर पत्नी को यह मेडल दिया गया है। इस दौरान शहीद रामवीर सिंह की वीरता को याद करते हुए उन्हें नमन किया गया और उनकी बहादुरी को सभी ने सलाम किया।

कोसीकलां के गांव हुलवाना निवासी रामवीर सिंह 33 आरआर में सेवा देते

हुए जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में दो अगस्त 2019 को शहीद हो गए थे।

सेना दिवस पर शुक्रवार को उनकी शहादत को सम्मान दिया गया। दिल्ली में सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे की ओर से शहीद रामवीर सिंह की पत्नी नीतू सिंह को ये सम्मान दिया गया।

सेना दिवस पर याद किए शहीद सैनिक

मथुरा : शुक्रवार को 73वें सेना दिवस पर देश के लिए शहादत देने वाले वीर जवानों को याद किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल सीपी करियप्पा, जनरल आफिसर कमांडिग स्ट्राइक वन मौजूद रहे।

सीपी करियप्पा ने कहा कि यहां पुष्पांजलि समारोह का आयोजन पारंपरिक सैन्य बिगुल काल द लास्ट पोस्ट के साथ किया गया। शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। भारतीय सेना की स्थापना लगभग 125 वर्ष पहले एक अप्रैल 1895 को अंग्रेजों द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के तहत की गई थी। भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की। उस समय भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी। सेना का पूर्ण नियंत्रण सौंपने का सही समय देखकर उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना की कमान फील्ड मार्शल तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को सौंप दी और जनरल केएम करियप्पा स्वतंत्र भारत के प्रथम कमांडर इन चीफ आफ आर्मी बने।

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