वृक्षों को जाने बिना समझ नहीं आएगा वृंदावन

इस्कान के यूथ विग विप्लव के महोत्सव में धर्मगुरु प्रबोधानंद ने बताई वृक्ष और वृंदावन की महिमा महाप्रभु की 125वें जयंती वर्ष पर फोगला आश्रम में तीन दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:16 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:16 AM (IST)
वृक्षों को जाने बिना समझ नहीं आएगा वृंदावन
वृक्षों को जाने बिना समझ नहीं आएगा वृंदावन

संवाद सहयोगी, वृंदावन: वृक्षों का जीवन जाने बिना वृंदावन का महत्व समझ नहीं आता है। वृंदावन को जानने के लिए आंखों की नहीं कानों की जरूरत होती है। शुक्रवार को इस्कान यूथ विंग विप्लव के वैदिक महोत्सव में धर्मगुरु स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने यह संदेश दिया। कहा, हर एक को वृक्ष का आचरण अपने जीवन में उतारना चाहिए। वृक्ष दूसरों के लिए ही जीवन गुजारते हैं।

इस्कान संस्थापक एसी श्रील भक्तिवेदांत महाप्रभु की 125वीं जयंती वर्ष पर इस्कान की यूथ विंग विप्लव की ओर से वैदिक महोत्सव मनाया जा रहा है। फोगला आश्रम में तीन दिवसीय महोत्सव का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया। महोत्सव में देश भर के करीब चार सौ सेंटर से तीन हजार युवा सहभागिता कर रहे हैं। शुभारंभ पर स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने वृंदावन की महिमा का गुणगान किया। कहा, वृंदावन में वृक्षों की साधना है। वृक्ष आजीवन समाज को देने के लिए ही जीते हैं। फल-फूल के साथ पर्यावरण का संतुलन करते हैं। सूख जाते हैं तो लकड़ी देकर समाज के काम आते हैं। ऐसा ही जीवन अगर हर भारतीय जीना शुरू कर दे तो द्वेष, ईष्र्या, झगड़े सब खत्म हो जाएंगे। हरिनाम संकीर्तन से शुरुआत

वैदिक महोत्सव की शुरुआत हरिनाम संकीर्तन के साथ की गई। इसके बाद स्वामी प्रबोधानंद महाराज ने वैदिक संस्कृति एवं वृंदावन के महत्व पर अपने विचार रखे। महोत्सव में आयोजित आप की अदालत में अमोंग प्रभु ने वैदिक संस्कृति पर युवाओं के सवालों के जवाब दिए। दूसरे चरण में आचार्य वैष्णव स्वामी महाराज ने वृंदावन के प्राचीन स्वरूप का वर्णन किया। शाम को महोत्सव में पहुंचे इस्कान के जीवीसी गुरु महाराज गोपालकृष्ण गोस्वामी का जोशीला स्वागत कर उनके विचार सुने। -ये रहे मौजूद

विप्लव चेयरमैन एवं वेस्ट यूपी जोनल सुपरवाइजर सुंदर गोपाल दास, गुरुग्राम इस्कान अध्यक्ष रामभद्र दास, द्वारिका दिल्ली इस्कान उपाध्यक्ष अमोंग लीला दास, रंजन शर्मा के अलावा इस्कान के ब्रह्मचारी मौजूद रहे। -आज होंगे ये आयोजन

शनिवार सुबह पांच बजे इस्कान की मंगला आरती के बाद महामंत्र मेडिटेशन, ड्रामा, वैदिक संस्कृति पर प्रवचन। साथ ही युवाओं के बीच वैदिक एवं पाश्चात्य संस्कृति पर वाद-विवाद प्रतियोगिता। कल तीन हजार इस्कान भक्त करेंगे मार्च:

बांग्लादेश में इस्कान मंदिर और इस्कान भक्तों के साथ हुई घटना के विरोध में रविवार शाम 4.30 बजे देश भर से आए इस्कान भक्त युवा फोगला आश्रम से इस्कान मंदिर तक शांति मार्च निकालेंगे। मार्च के साथ रथ में विराजमान श्रील प्रभुपाद की प्रतिमा होगी।

chat bot
आपका साथी