संत विल्वमंगल लीला का कलाकारों ने किया जीवंत मंचन

संवाद सहयोगी वृंदावन इस्कान यूथ फोरम के विप्लव उत्सव में रविवार को संत विल्वमंगल के जीवन पर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 05:31 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:31 AM (IST)
संत विल्वमंगल लीला का कलाकारों ने किया जीवंत मंचन
संत विल्वमंगल लीला का कलाकारों ने किया जीवंत मंचन

संवाद सहयोगी, वृंदावन: इस्कान यूथ फोरम के विप्लव उत्सव में रविवार को संत विल्वमंगल के जीवन पर आधारित लीला देख देशभर से आए युवा इस्कान भक्त आल्हादित हो उठे। किस तरह एक सुंदरी के वशीभूत हुए ब्राह्मण कुलीन युवा ने खुद को वैदिक सनातन संस्कृति की ओर मोड़कर अपना जीवन ईश्वर साधना में न केवल गुजार दिया, बल्कि एक बड़े साधक के रूप में स्थापित भी हो गए। विप्लव उत्सव में गुरु महाराज के प्रवचनों ने भी युवा इस्कान भक्तों को प्रभावित किया।

इस्कान संस्थापक श्रील प्रभुपाद की 125 वीं जयंती पर फोगला आश्रम में चल रहे इस्कान यूथ फोरम के विप्लव उत्सव में रविवार की सुबह संत विल्वमंगल की जीवन पर नाट्य अभिनय का मंचन कलाकारों ने किया। अभिनय में कलाकारों ने संत विल्वमंगल के चरित्र को जीवंत कर दिया। किस तरह युवावस्था में एक ब्राह्मण कुल के युवा ने अपने गृहस्थ को त्याग सुंदरी के वशीभूत होकर अपनी जिदगी की राह बदल ली। बावजूद इसके जब सुंदरी से इन्हें लताड़ जीवन का सार समझ आया तो उसे ही गुरु बनाने में देर नहीं की। पश्चाताप के रूप में गर्म सलाई से अपनी आंखें फोड़ लीं। ताकि किसी स्त्री पर नजर ही न पड़े और वृंदावन की ओर चल दिए। वृंदावन में ईश्वर साधना में न केवल जीवन गुजारा बल्कि आराध्य को दर्शन देने के लिए मजबूर कर दिया। भगवान श्रीराधाकृष्ण का दर्शन पाकर जीवन धन्य हुआ और ब्रज में साधक के रूप में स्थापित हो गए।

विप्लव महोत्सव में प्रवचन करते हुए गोपाल कृष्ण गोस्वामी ने कहा श्रील प्रभुपाद ने हरिनाम संकीर्तन के जरिए दुनिया को भक्ति का ऐसा मंत्र दिया, जिसने दुनियाभर के हर देश के लोगों को एक महामंत्र से जोड़कर वैदिक सनातन संस्कृति की ओर खींच लिया। आज दुनियाभर में हरेकृष्णा मूवमेंट के जरिए वैदिक संस्कृति को नई दिशा मिली है। जो अगले दस हजार साल तक के लिए स्थापित हो चुकी है। उत्सव में यूथ फोरम के ऐसे पदाधिकारियों, जिन्होंने अहम योगदान दिया और देशभर में प्रचार-प्रसार के जरिए युवाओं को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई उनको गुरु महाराज गोपालकृष्ण गोस्वामी ने सम्मानित किया। रुक्मिणी कृष्ण प्रभु, यूथ फोरम के चेयरमैन सुंदरगोपाल दास ने भी श्रील प्रभुपाद के आंदोलन को यूथ फोरम के सदस्यों के समक्ष रखा।

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