मणियों की माला है रामचरितमानस : मोरारी बापू

का‌िर्ष्ण उदासीन रमणरेती आश्रम महावन में आयोजित रामकथा के अंतिम दिन कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि रामचरितमानस एक मणियों की माला है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:13 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 05:13 AM (IST)
मणियों की माला है रामचरितमानस : मोरारी बापू
मणियों की माला है रामचरितमानस : मोरारी बापू

संवाद सहयोगी महावन : का‌िर्ष्ण उदासीन रमणरेती आश्रम, महावन में आयोजित रामकथा के अंतिम दिन कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि रामचरितमानस एक मणियों की माला है। इसका जितना स्वाध्याय किया जाए, उतना ही भजनानंदी लोगों के लिए कम है। कलियुग का सार सत्य, प्रेम, करुणा से होता है। राम सत्य हैं, राम नाम गाना प्रेम है, रामकथा सुनना करुणा है। मोरारी बापू ने कहा कि महर्षि विश्वामित्र ने अयोध्या से जाने की विदाई मांगी, तो भगवान श्रीराम की अनेक लीलाओं को ध्यान में रखते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के दर्शन करने लगे। अपने आराध्य को छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा था। राजा को साधु के जाने का वियोग था, साधु को ठाकुर से दूर जाने का वियोग था। ठाकुरजी से वियोग होना, भक्त का भव सागर से पार होना माना जाता है। उन्होंने कहा कि चौदह वर्ष बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अयोध्या लौटने लगे, तो उन्हें केवट के वचन याद आए। राम केवट के पास पहुंचे। केवट को साथ लेकर अयोध्या पहुंचे। अयोध्या में महात्मा भरत 14 वर्ष से अपने प्रभु का इंतजार कर रहे थे। भरत -राम का मिलन हुआ। अयोध्या के नगर वासियों ने उसी दिन राजतिलक कराने का प्रस्ताव रखा। का‌िर्ष्ण गुरुशरणानंद महाराज, ज्ञानानंद महाराज, सतुआ बाबा, का‌िर्ष्ण स्वरूपानंद महाराज, का‌िर्ष्ण गोविदानंद महाराज, मीडिया प्रभारी का‌िर्ष्ण हरदेवानंद महाराज, राजेंद्र दास महाराज, श्रीकृष्ण ठाकुर, उमेश जटवानी, चंदर अरोड़ा मौजूद रहे। ठाकुरजी का किया जाएगा अभिषेक

मथुरा : प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देव महाराज में कार्तिक पूर्णिमा पर सुबह ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। फूल बंगला भी सजाया जाएगा। दोपहर 12 से शाम चार बजे तक भजन संध्या का आयोजन किया जाएग। मीडिया प्रभारी नारायण प्रसाद शर्मा ने बताया कि आयोजन की तैयारियां पूरी हो गई हैं।

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