वृंदावन में संवरेंगी राजस्थान की धरोहरें: कल्ला
संवाद सहयोगी वृंदावन मंदिरों की नगरी में राजस्थान की प्राचीन धरोहरें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में
संवाद सहयोगी, वृंदावन: मंदिरों की नगरी में राजस्थान की प्राचीन धरोहरें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच रही हैं। कई देवालय हैं, जो राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को संजोए हैं। इन विरासतों को संवारने की योजना राजस्थान सरकार बना रही है। वृंदावन में राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग की प्राचीन धरोहरों का जीर्णोद्धार करवाकर इन्हें संवारा जाएगा।
वृंदावन भ्रमण पर आए राजस्थान सरकार के कला साहित्य व संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने बुधवार को ये बात कही। प्राचीन गोविददेव मंदिर में दर्शन व इमारत का अवलोकन करने के बाद मंत्री कल्ला ने कहा, राजस्थान के अनेक राजे रजवाड़ों ने धार्मिक भावना के वशीभूत ब्रजमंडल में विशाल मंदिर देवालयों का निर्माण कराया है। इनकी देखरेख का जिम्मा देवस्थान विभाग व पुरातत्व विभाग का है। इन धार्मिक व सांस्कृतिक विरासतों को अक्षुण्य रखने के लिए राजस्थान सरकार एक व्यापक रूपरेखा तैयार करने जा रही है,ताकि इनकी अत्याधुनिक तरीके से मरम्मत कर इनके प्राचीन स्वरूप को बचाया जा सके। कहा कि इन मंदिरों के निर्माण में जो वास्तुकला व स्थापत्य शैली का प्रयोग किया गया है। वह इतिहास के विद्यार्थियों के लिए भी शोध का विषय होगा। इससे पूर्व कल्ला ने सबसे पहले मथुरा मार्ग स्थित जयपुर मंदिर का अवलोकन किया। इसके बाद प्राचीन गोविद देव मंदिर के दर्शन कर विभागीय अधिकारियों से जानकारी
ली।