स्टीमर में खर्च पेट्रोल के पैसे भी पुलिस ने लिए
यमुना में डूबे व्यक्ति का न सुराग लगा न दर्ज हुआ मुकदमासीओ बोले पैसे लेने का आरोप निराधार
संवाद सहयोगी, वृंदावन: करीब एक हफ्ता पहले यमुना में डूबे व्यक्ति के स्वजन थाने से लेकर एसएसपी दफ्तर तक चक्कर काटकर थक गए। न तो अबतक डूबे व्यक्ति का न पता लग सका और न ही पीड़ित परिवार की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा ही दर्ज हो चुका है। परिवार का आरोप है डूबे व्यक्ति को खोजने के लिए स्टीमर में खर्च हुए पेट्रोल तक के पैसे पुलिस ने ले लिए।
कोतवाली के पानीघाट क्षेत्र निवासी करीब 55 वर्षीय रामजीलाल ने 15 अक्टूबर की शाम पानीगांव पुल से यमुना में छलांग लगा दी थी। उनके बेटे समेत परिवार ने पड़ोसी आश्रम के महंत पर जमीन हड़पने के बाद लगातार उत्पीड़न करने का आरोप लगाया और इसी उत्पीड़न के चलते रामजीलाल द्वारा यमुना में डूबकर आत्महत्या करने की तहरीर कोतवाली में दी। रामजीलाल के बेटे मोहित का कहना है, जिस दिन से पिता ने यमुना में छलांग लगाई है, अब तक उनका कोई सुराग नहीं लग सका है। पीड़ित परिवार ने करीब आधा दर्जन चक्कर कोतवाली के काटे। परिवार ने आरोप लगाया कि रामजीलाल को खोजने के लिए स्टीमर के पेट्रोल के लिए पैसे भी उनसे ही लिए गए। इस मामले में सीओ सदर राममोहन शर्मा ने बताया कि रामजीलाल की खोज में दो दिन गोताखोरों व स्टीमर की मदद से तलाश की, तलाश अब भी जारी है। स्वजन उत्पीड़न व हत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगा रहे हैं। जबतक शव न मिले, इस तरह का मुकदमा दर्ज करना उचित नहीं है। फिलहाल तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज की जाएगी। रही बात पेट्रोल के पैसे लेने की, तो डूबे व्यक्ति का कोई स्वजन तलाश के दौरान मौजूद ही नहीं रहा, तो पैसे कैसे लिए जा सकते हैं।