निर्जला एकादशी पर टूटा भक्तों का हुजूम, धरी रह गईं गाइडलाइन

श्रद्धालु यमुना स्नान कर निकले पंचकोसीय परिक्रमा को दिनभर चला दान-पुण्य का सिलसिला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:17 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:17 AM (IST)
निर्जला एकादशी पर टूटा भक्तों का 
हुजूम, धरी रह गईं गाइडलाइन
निर्जला एकादशी पर टूटा भक्तों का हुजूम, धरी रह गईं गाइडलाइन

संवाद सहयोगी, वृंदावन: निर्जला एकादशी पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों का हुजूम दर्शन के लिए टूट पड़ा। भक्तों की भारी भीड़ के बीच कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन कराने की सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। चरमराईं व्यवस्थाओं के बीच श्रद्धालुओं ने आराध्य बांकेबिहारी के दर्शन किए।

निर्जला एकादशी पर्व पर सुबह से ही तीर्थनगरी में भक्तों का हुजूम यमुना किनारे स्नान के लिए पहुंच गया। श्रद्धालुओं ने निर्जल व्रत शुरू करने के साथ यमुना स्नान कर पंचकोसीय परिक्रमा करने के साथ दान-पुण्य किया और बांकेबिहारी के दर्शन को पहुंचे। निर्जला एकादशी पर तीर्थनगरी में आस्था का सैलाब उमड़ा। हजारों भक्तों ने यमुना स्नान कर पंचकोसीय परिक्रमा की और दान-पुण्य मनौती मांगी। एकादशी पर्व पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर समेत सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ ने कोविड-19 की गाइड लाइनों को ध्वस्त कर दिया। बांकेबिहारी मंदिर में हालात ये रहे कि निजी सुरक्षागार्ड और पुलिस प्रशासन भक्तों की भीड़ के आगे खुद को असहाय मान रहा था। भक्तों की भीड़ सुबह से ही मंदिर की ओर बढ़ती नजर आ रही थी। मंदिर के बाहर की गलियों में भी पैर रखने की जगह नहीं मिली।

भोर की पहली किरण से ही यमुना स्नान को भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी और स्नान करने के साथ पंचकोसीय शुरू कर दी। पूरे परिक्रमा मार्ग में सुबह से ही मानव श्रृंखला बनी रही। दिनभर चला दान-पुण्य का सिलसिला:निर्जला एकादशी पर दान-पुण्य करने का विशेष योग होता है। यही कारण है कि दिनभर निर्जल व्रत रखने के साथ श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य किया। कैलाश नगर सेक्टर दो में श्रीमद्भागवत प्रवक्ता व अभा ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष आचार्य रसिक महाराज ने विप्र जन सत्कार सेवा का आयोजन किया। इसमें 650 विप्रों व निर्धनों को खाद्य सामग्री व जल पात्र वितरित किए। आचार्य रसिक महाराज ने बताया कोरोनाकाल में निरंतर जनसेवा के प्रकल्प चलाए। राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा की राष्ट्रीय सचिव व भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष मुदिता शर्मा ने कहा ऐसे पुण्य को समाजसेवा के रूप में मनाना चाहिए। अन्य संस्थाओं और श्रद्धालुओं ने भी दिनभर शिविर लगाकर दान-पुण्य किया।

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