नगर निगम की समितियों का गठन न होने पर हंगामा
कार्यकारिणी की बैठक 561 करोड़ का पुनरीक्षित बजट मंजूर
जागरण संवाददाता, मथुरा: नगर निगम की विभागीय समितियों का गठन न करने पर शनिवार को कार्यकारिणी की हुई बैठक में हंगामे के बीच 561 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट मंजूर हो गया। दो पार्षदों के बीच बहस भी हुई। महापौर के आश्वासन के बाद पार्षद शांत हुए। इसी महीने के अंत में होने वाली बोर्ड की बैठक में बजट का पारित करने के लिए पेश किया जाएगा।
जलकल कंपाउंड सभागार में महापौर डा. मुकेश आर्य बंधु की अध्यक्षता में बजट पर चर्चा करने को बुलाई गई बैठक में लेखाधिकारी डा. गीता कुमारी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 को 561 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट प्रस्तुत किया। बजट में सफाई कर्मचारियों और संसाधन बढ़ाने के लिए धनराशि नहीं बढ़ाए जाने पर पार्षद तिलक वीर ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था, वर्तमान में बीमारियों का प्रकोप है। इसलिए सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। पार्षद रश्मि शर्मा ने खाली भूखंडों को लोगों द्वारा डलावघर बनाने और उनकी सफाई पर खर्च के मामले को उठाया। नगर निगम की दुकानों के किराएदारों की जांच के लिए गठित की समिति में पार्षद तिलकवीर को शामिल किए जाने को लेकर पार्षद कुलदीप ने आपत्ति दर्ज की। इसे लेकर दोनों पार्षदों के बीच बहस हो गई और अभी तक विभिन्न विभागों की समितियों का गठन नहीं किए जाने का मामला तूल पकड़ गया। अभी तक तीन ही समितियों का गठन किया हुआ है, जबकि अन्य समितियों का गठन अभी तक नहीं हो सका है। समिति में अधिकारी और पार्षद शामिल होते हैं। महापौर ने आगामी तक समितियों का गठन किए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। नगर आयुक्त झा ने बताया, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 561 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट को कार्यकारिणी ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। अब इसे बोर्ड की बैठक में पारित किया जाएगा। इससे पहले पिछली बार हुई कार्यकारिणी की बैठक में उठाए गए मामलों पर भी चर्चा हुई। महापौर डा. मुकेश आर्यबंधु ने बताया, कार्यकारिणी की बैठक शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। पार्षदों ने अपने सुझाव दिए थे। उन पर भी विचार किया गया। बैठक में उपसभापति राधाकृष्ण पाठक, पार्षद उमेश भारद्वाज, गोविद दिवाकर समेत नगर निगम के अधिकारी भी मौजूद रहे।