खराब इंजीनियरिग बन रही हादसों का सबब
संकरी सड़क पर अंधे मोड़ और सुरक्षा के इंतजाम नदारद। ये हालत सड़क हादसों की बड़ी वजह बन रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मथुरा: संकरी सड़क पर अंधे मोड़ और सुरक्षा के इंतजाम नदारद। ये हालत सड़क हादसों की बड़ी वजह बन रहे हैं। जिले में कई ऐसी सड़कें हैं जहां संकरी पुलिया और खतरनाक मोड़ मौजूद हैं। पीलीभीत-भरतपुर हाईवे पर तो दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए अभी तक कोई उपाय नहीं किए गए हैं।
दिल्ली-आगरा हाईवे के सिक्सलेन पर सुरक्षा के लिहाज से रेलिग लगाई लगीं हैं। इससे हाईवे पर दुर्घटना क्षेत्रों में कमी आ गई है। मगर, अभी भी कई स्थान ऐसे है जहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। सिक्सलेन निर्माण कार्य चलने से नेशनल हाईवे विकास प्राधिकरण ने एटीवी कट, हाईवे थाने के सामने कट और जैंत कट अभी हुए हैं। फरह में फतिहा कट अभी भी खतरनाक बना है। ये कम हुए दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र:
गांव बरारी, कुरकंदा, महुअन, रिफाइनरी का नौ नंबर गेट, बादगांव, जयगुरुदेव मंदिर, महोली रोड, मंडी समिति चौराहा, गोवर्धन चौराहा, छटीकरा, चौमुहां पहले दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र थे। यहां ओवरब्रिज बनने से यहां दुर्घटनाएं कम हो गई हैं। पीलीभीत-भरतपुर हाईवे पर नहीं किए उपाय
पीलीभीत-भरतपुर मार्ग पहले स्टेट हाईवे था। दो साल पहले इसे राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के हैंडओवर कर दिया गया। मथुरा और राया के बीच गांव मल्है पर यहां तीव्र मोड़ है। यहां सड़क की चौड़ाई कम है। यमुना एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों का दबाव यहां अधिक रहता है। नरहौली, मुडे़सी, मकहेरा और जाजनपट्टी चौराहा भी इस मार्ग के दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र में शामिल हैं। जनपदीय मार्गों पर खतरा बरकरार
फरह से झुड़वाई, ओल, जाजनपट्टी,सौंख होते हुए गोवर्धन तक जाने वाले मार्ग पर ओल के समीप नहर का पुल खतरनाक है। मथुरा-सौंख मार्ग पर कस्बा सौंख से करीब पांच सौ मीटर दूर पुलिया, मांट-नौहझील मार्ग पर गांव प्रेमनगर दुर्घटना बाहुल्य इलाका है। एक्सप्रेस वे पर रोज जा रही जान:
सबसे अधिक सुरक्षित माने जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन औसतन तीन हादसे हो रहे हैं। गांव तेहरा के पास अंडरपास की सड़क संकरी है। निर्माण से लेकर अब तक यहां आधा दर्जन मौत हो चुकी हैं। बलदेव और महावन क्षेत्र में भी हादसों में बढ़ोतरी हो रही है। एक्सप्रेस वे पर हादसों का मुख्य कारण तेज रफ्तार है। खराब खड़े वाहन भी बन रहे हादसे का कारण:
सड़क किनारे खराब वाहन खड़े कर दिए जाने से भी हादसे हो रहे हैं। कोहरे में ये वाहन दिखाई नहीं देते और पीछे से आने वाला वाहन उसमें टकरा जाता है। करीब बीस फीसद हादसे खराब वाहनों के कारण हो रहे हैं। जगदीश का नाम लेकर जिदा है विद्या देवी
संवाद सूत्र, फरह: 13 फरवरी 2018। जमालपुर की विद्या देवी यह दिन भूली नहीं है। करीब 40 साल पहले उनके पति बीमारी की चपेट में आकर दुनिया छोड़ गए। बेटा जगदीश ही विद्या देवी का सहारा था। वह बताती हैं कि 13 फरवरी को बेटा जगदीश पत्नी मुन्नी के साथ रिश्तेदारी में जा रहा था। बाद कट पर सड़क हादसे में जगदीश और उसकी पत्नी की मौत हो गई। बूढ़ी मां विद्या देवी पर दो बच्चों को पालने की जिम्मेदारी आ गई। विद्या देवी कहती हैं कि भगवान ये दिन किसी को न दिखाए। हादसे पूरे परिवार की खुशियां लील लेते हैं। 24 ब्लैक स्पाट पर होंगे सुरक्षा के इंतजाम:
एसपी ट्रैफिक कमल किशोर ने बताया कि करीब 24 ब्लैक स्पाट चिन्हित किए गए हैं। यहां बैरियर लगाने और स्पीड ब्रेकर बनाने के साथ तेज मोड़ पर रिफ्लेक्टर लगाने की योजना बनाई गई है, जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।