ध्वजारोहण के साथ श्रीराधा जन्म महोत्सव शुरू

ठा. प्रिया बल्लभ मंदिर में रविवार को ध्वजारोहण के साथ तीन दिवसीय श्रीराधा जन्म महोत्सव का आगाज हुआ। महोत्सव में धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन शुरू हुए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 05:26 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 05:26 AM (IST)
ध्वजारोहण के साथ श्रीराधा जन्म महोत्सव शुरू
ध्वजारोहण के साथ श्रीराधा जन्म महोत्सव शुरू

संवाद सहयोगी, वृंदावन: ठा. प्रिया बल्लभ मंदिर में रविवार को ध्वजारोहण के साथ तीन दिवसीय श्रीराधा जन्म महोत्सव का आगाज हुआ। महोत्सव में धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन शुरू हुए।

छीपीगली स्थित श्रीहित परमानंद दास की साधना स्थली ठा. प्रिया बल्लभ कुंज में श्रीहित परमानंद शोध संस्थान द्वारा श्रीराधा जन्म महोत्सव की शुरुआत राधाबल्लभीय संप्रदाय आचार्य मोहित मराल गोस्वामी ने ध्वजारोहण कर की। कुंज में ठा. विजयराधा बल्लभ लाल व उनकी शिष्या प्रिया सखी (दतिया की महारानी) के सेव्य ठा. प्रिया बल्लभ विराजमान हैं। श्रीहित परमानंद शोध संस्थान के संस्थापक आचार्य विष्णु मोहन नागार्च, समन्वयक डा. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा, रस साम्राज्ञी राधारानी परब्रह्म परमात्मा श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति हैं। उनकी कृपा से ही कृष्ण तत्व की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण तत्व व राधा तत्व अभिन्न हैं। भागवताचार्य ललित वल्लभ नागार्च, पार्षद रसिक बल्लभ नागार्च ने कहा, कलियुग पावनावतार चैतन्य महाप्रभु राधा भाव से ही भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करते थे। श्रीहित हरिवंश महाप्रभु ने राधारानी को श्रीकृष्ण से अधिक प्रधानता दी। उन्होंने इन्हें अपना इष्ट व गुरु दोनों माना। उन्होंने अपने संप्रदाय का नाम श्रीराधा बल्लभ संप्रदाय रखा। भावना ट्रस्ट के अध्यक्ष जुगलकिशोर शर्मा, आचार्य रासबिहारी मिश्रा ने कहा, ब्रज में राधा रानी की श्रीकृष्ण से भी अधिक मान्यता है। डा. श्याम बिहारी लाल खंडेलवाल, डा. जयेश खंडेलवाल की मुखियाई में मंगल बधाई समाज गायन, ' हित वाणी' का संतों व विप्रों ने संगीतमय पाठ किया। रात में रासाचार्य स्वामी अमीचंद शर्मा की मंडली ने रासलीला का मंचन किया। डा. चंद्रप्रकाश शर्मा, हित बल्लभ नागार्च, तरुण मिश्रा, भरत किशोर शर्मा, राधाकांत शर्मा, कीर्ति नागार्च, हितानंद नागार्च, प्रेमानंद नागार्च, रसानंद नागार्च, पार्षद वैभव अग्रवाल, दिव्यानंद नागार्च मौजूद रहे।

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