सहस्त्रधारा से स्नान के बाद बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ
अब 15 दिन बाद रथयात्रा के दिन दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ
संवाद सहयोगी, वृंदावन: भक्तों का कष्ट हरने को भगवान जगन्नाथ ने गुरुवार को सहस्त्रधारा के जल भरे 108 घड़ों से स्नान के बाद एकादश फलों के रस से स्नान किया। इसके बाद भगवान बीमार हो गए। महाभिषेक सेवा में लगे महंत ने उन्हें जड़ी-बूटियां अर्पित कर स्वस्थ करने का प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद प्रभु 15 दिन के लिए विश्राम करने चले गए। भक्तों को उनके दर्शन अब 12 जुलाई को सुलभ होंगे। विश्राम गृह में ही उनकी सेवा-पूजा नियमित रूप से चलती रहेगी।
परिक्रमा मार्ग स्थित जगन्नाथघाट के जगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को शुरू हुए रथ यात्रा उत्सव के इन अद्भुत क्षणों का साक्षी बनने को भक्त मौजूद रहे। वेदपाठी ब्राह्मणों के वेदमंत्रों की अनुगूंज के बीच शाम पांच बजे महंत स्वामी ज्ञानप्रकाश पुरी ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के अलावा सुदर्शनजी का महाभिषेक शुरू किया। इससे पहले ठाकुरजी को मौसमी फलों का प्रसाद भी अर्पित किया गया। मंदिर के महंत ज्ञानप्रकाश पुरी ने बताया, महाभिषेक के बाद अस्वस्थ हुए भगवान 15 दिन विश्राम करेंगे। 12 जुलाई को जगन्नाथ रथयात्रा के दिन भोर में 5.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे और विशेष आरती होगी। इसके अलावा फूलबंगला, छप्पनभोग के दर्शन होंगे। दोपहर तीन बजे से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शनजी विशाल रथों में विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकलेंगे। लेकिन कोरोनाकाल में प्रशासन की अनुमति के बाद ही रथयात्रा निकाली जाएगी। अन्यथा की स्थिति में लगातार दूसरे साल आश्रम के अंदर ही रथ में भगवान को भ्रमण करवाया जाएगा। करीब 15 दिन तक प्रभु को सर्वाधि औषधि और काढ़ा प्रसाद में अर्पित किया जाएगा। जन्मभूमि पर शुरू हुआ भगवान जगन्नाथ महोत्सव
मथुरा: गुरुवार शाम श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन किया गया।
समिति पदाधिकारियों ने बताया कि गुरुवार से धार्मिक अनुष्ठानों के मध्य श्रीभागवत भवन मंदिर स्थित भगवान श्रीजगन्नाथ का शास्त्रों के अनुरूप वैदिक मंत्रोच्चारण व झांझ, मंजीरों की ध्वनि के बीच विधि-विधान से अभिषेक किया गया। ऐसी मान्यता है कि भगवान इस महास्नान के बाद बीमार हो गए थे। अब भगवान जगन्नाथ स्वास्थ्य लाभ करेंगे। इस मान्यता के साथ ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन भक्तों को आगामी 15 दिन तक नहीं होंगे। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया 12 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, अपने बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ रथ में विराजमान होकर यात्रा करते हुए नगर में भ्रमण को निकलेंगे। पदाधिकारियों ने बताया कि देश-दुनिया में भगवान जगन्नाथ के मंदिरों में ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा से भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है। संस्थान के प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, मुख्य अधिशासी अधिकारी राजीव श्रीवास्तव, विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर सिंह, श्री विध्येश्वरी प्रसाद अवस्थी, रामअवतार अवस्थी, ब्रह्मानंद मिश्रा मौजूद रहे।