अनाप-शनाप बिल से बिलबिला रहे बिजली उपभोक्ता
विभाग के काट रहे चक्कर नहीं हो रही कहीं पर सुनवाई
केस एक: तहसील महावन के गांव मान सिंह झोपड़ी रहते हैं। उनकी झोपड़ी के बाहर बिजली का मीटर करीब आठ-दस महीने पहले ही सौभाग्य योजना में लगाया गया था। मीटर अभी तक चालू नहीं हुआ है बिजली का बिल 10 हजार रुपये थमा दिया गया है। भूमिहीन गरीब मान सिंह बिल के संशोधन न होने से परेशान है। एक-दो बार कार्यालय गए, पर सुनवाई नहीं हुई। केस दो: शहर से सटी सौंख रोड स्थित चैतन्य विहार कॉलोनी निवासी देवेंद्र सिंह का एक महीने का बिल ढाई हजार रुपये आया, जबकि दूसरे महीने बिल बढ़कर पांच हजार रुपये पहुंच गए। मीटर बदलवाने की मांग की गई तो नया मीटर लगवाने का शुल्क भी उनसे मांग लिया। इसी प्रक्रिया को ठीक कराने में तीसरे महीने का बिल भी घर पहुंच गया, जो ढाई हजार रुपये का था। मथुरा, जासं। मान सिंह और देवेंद्र सिंह के पास कोई अकेले इस तरह के अनाप-शनाप बिल नहीं पहुंचे हैं, तमाम उपभोक्ताओं को इसी तरह की दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है। हाथिया ग्राम पंचायत के जाकिर भी मीटर चालू किए बगैर चार महीने का 3400 रुपये बिल भेज दिए जाने से परेशान है। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता रहे हो या फिर देहात के। सभी बिजली के बिलों के लेकर परेशान है। उपभोक्ताओं का कहना है कि झोपड़ी में न फ्रीज है और न कूलर। कभी कभी टीवी चलाते हैं, एक पंखा और दो-तीन एलइडी चलती हैं। इसका इतना बिल रहा है। संशोधन करने के लिए सब स्टेशन पर जाते हैं, तो कोई सुनवाई नहीं होती है।
बिल सही भेजने और तुरंत त्रुटि दूर करने को दिया प्रशिक्षण:
उपभोक्ताओं को निरंतर विद्युत सप्लाई मिलने के साथ ही करंट के सही बिल भी पहुंचते रहे। इसके लिए हाल ही में तैनात हुए चार दर्जन कार्यालय सहायक और तकनीकी कर्मचारियों को मंगलवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। अब उपभोक्ताओं को गलत बिल नहीं मिल पाएंगे। अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार गंगवार ने बताया कि बिलों को लेकर उपभोक्ता परेशान है। उनको जो दिक्कतें अब तक हो रही है, भविष्य में उपभोक्ताओं को इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। हाल ही में कार्यालय सहायक और तकनीकी कर्मचारी तैनात हुए है। इनको नगरी वितरण खंड मुख्यालय पर प्रशिक्षण दिया कि किस तरह से बिजली के बिल जल्दी से जल्दी से ठीक किए जाएं। अगर, कहीं विद्युत सप्लाई में कोई दिक्कत आ रही है, तब उसको किस तरह से कम समय में दूर किया जाए। इसकी जानकारी एई आइटी पुनीत जैन, एसडीओ औरंगाबाद सचिन द्विवेद्वी, एई मीटर अरविद कुमार, वरिष्ठ कार्यालय सहायक और एकाउंट से संबंधित मुकुल सक्सेना ने जानकारी दी है।