यमुना एक्सप्रेस पर हत्या या दुर्घटना, तय करेगा क्राइम सीन
एक्सप्रेस वे पर वाणिज्य कर टीम के दो सदस्यों की मौत का मामलाक्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए फोरेंसिक टीम को लिखा गया पत्र
जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना एक्सप्रेस वे पर जांच कर रही वाणिज्य कर टीम के एक अधिकारी और कांस्टेबल की मौत की गुत्थी तीन महीने बाद भी अनसुलझी है। पुलिस तय नहीं कर पा रही है कि उनकी मौत, हत्या थी या फिर दुर्घटना। अब इसके लिए क्राइम सीन रीक्रिएट किया जाएगा। एसएसपी कार्यालय से फोरेंसिक टीम को इसके लिए पत्र लिखा है। घायल ज्वाइंट कमिश्नर मनोज त्रिपाठी के बयान को भी पुलिस अहम मान रही है, जो अभी होना शेष है।
थाना नौहझील क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर 23 जून की रात वाणिज्य कर के ज्वाइंट कमिश्नर मनोज त्रिपाठी बिना बिल के चांदी आने की सूचना पर वाहनों की जांच कर रहे थे। उनके साथ असिस्टेंट कमिश्नर सचल दल द्वितीय इकाई विनय गुप्ता निवासी अशोका सिटी मथुरा, सीपीओ सदल द्वितीय इकाई वीरेंद्र सिंह निवासी विराट आशियाना अवधपुरी कालोनी आगरा, सचल दल प्रथम के कांस्टेबल किशोर कुमार शुक्ला निवासी कानपुर, चालक विजय कुमार यादव निवासी विवेक विहार कालोनी इटावा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विनोद कुमार निवासी जलवा कटरा आगरा और अनिल रावत निवासी मानपुर मुसंडा, जिला गया बिहार मौजूद थे। माइल स्टोन-60 के पास आगरा से नोएडा की ओर जा रहे आयशर कैंटर ने वाणिज्य कर विभाग की गाड़ी और मैक्स पिकअप में टक्कर मार दी थी। इसमें सीपीओ सचल दल द्वितीय इकाई वीरेंद्र सिंह और कांस्टेबल किशोर कुमार शुक्ला की मौत हो गई, अन्य घायल हो गए थे। थाना नौहझील में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आगरा से चांदी लेकर आई मैक्स पिकअप गाड़ी के चलने के स्थान से लेकर एयरपोर्ट तक करीब पांच दर्जन लोगों से अलग-अलग पूछताछ की। चांदी कारोबारियों से भी पूछताछ हो चुकी है। तीन महीने की जांच में पुलिस अभी तक स्पष्ट नहीं कर पाई, कैंटर से जानबूझकर वाणिज्य कर की टीम में टक्कर मारी या फिर इत्तेफाक दुर्घटना हुई। अब इसकी सत्यता का पता लगाने के लिए फोरेंसिक विभाग को एक पत्र एसएसपी कार्यालय से भेजा गया है। 'अभी घायल मनोज त्रिपाठी के बयान लिए जाने हैं। क्राइम सीन के माध्यम से भी घटना की तह तक जाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद ही घटना की सत्यता सामने आएगी।'
-डा. गौरव ग्रोवर, एसएसपी