डेढ़ दशक से आ रहे थे बांके बिहारी के दर्शन करने
कोरोनाकाल में नहीं आ पाए थे मनोज साले के परिवार को भी कई बार लाए थे अपने साथ
जासं, मथुरा: कोरोना काल को छोड़ दिया जाए तो, मनोज गर्ग अपने परिवार के साथ ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने डेढ़ दशक से नियमित हर माह आ रहे थे। अपने साले मुकेश मित्तल के पुत्र और पुत्री को भी वह कोई पहली बार लेकर नहीं आए, इससे पहले अपने साले के पूरे परिवार के साथ दर्शन करने आते रहे थे। वृंदावन से यमुना एक्सप्रेस वे के लिए जा रहे मार्ग से उनकी पत्नी बबीता ने आखिरी बार अपने भाई मुकेश मित्तल से बातचीत की। बाद में मनोज गर्ग ने अपने साले से कहा, वह देररात तक पानीपत पहुंच जाएंगे।
हरियाणा के जींद के सफीदों स्थित अनाज मंडी निवासी मनोज गर्ग अपनी पत्नी बबीता, पुत्र अभय और हेमंत के साथ पिछले डेढ़ दशक से ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने नियमित वृंदावन आ रहे थे। कोरोना काल में मनोज दर्शन को नहीं आ सके थे। मुकेश पानीपत में टाइल्स का कारोबार करते हैं, जबकि उसके बहनोई मनोज गर्ग जींद में कुकुक्ट के लिए भोजन बनाने की फैक्ट्री चलाते थे। स्वजन ने बताया, मनोज गर्ग हर महीने बांके बिहारी के दर्शन करने आते थे। बीच में कोई अगर उनसे वृंदावन आने को कहता, तो वह सब कामकाज छोड़कर वृंदावन चले आते।
मंगलवार को जब पानीपत से दर्शन करने आ रहे थे, तब भी मनोज ने मुकेश से कहा कि सारे स्वजन एक साथ चलेंगे, लेकिन काम अधिक होने के कारण बाकी लोग नहीं आ सके। मुकेश ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र और पुत्री को जीजा के साथ भेज दिया था। बकौल मुकेश रात करीब पौने 12 बजे मेरे मोबाइल पर मनोज गर्ग के नंबर से ही काल आई। रिसीव किया तो पुलिस ने घटना की जानकारी दी। - बिखर गया परिवार: मनोज गर्ग अपने बड़े भाइयों सतीश और शिवचरन के साथ संयुक्त परिवार में रहते थे। मुकेश ने बताया कि तीनों भाई मिलकर कारोबार करते थे। उनका पूरा परिवार ही बिखर गया।
डीएम ने उपलब्ध कराया वाहन: जो जिस हाल में था, उसी हाल में जींद और पानीपत से मथुरा आ गया। तीनों परिवार के सदस्यों को वापस जाने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए डीएम नवनीत चहल ने एक वाहन की व्यवस्था कराई। शवों को अलग-अलग एंबुलेंस से पोस्टमार्टम के बाद भिजवाया।
टैंकर चालक भागा, नहीं पता चला हादसे का कारण: नोएडा की तरफ से आ रहा पेट्रोलियम पदार्थ भरा टैंकर डिवाइडर पर चढ़कर पलट गया था। उसी समय इनोवा टैंकर से जा टकराई। करीब दो घंटे तक रेस्क्यू चला, तब कहीं जाकर शव इनोवा से बाहर निकाले जा सके। इंस्पेक्टर नौहझील लोकेश भाटी ने बताया कि टैंकर के अगले पहिए में कट का निशान है। माना जा रहा है कि टैंकर का टायर फटा है और उसके बाद अनियंत्रित होकर पलटा है। चालक को झपकी लगने से भी हादसा होने की आशंका है। चालक घटनास्थल पर नहीं मिला। वह हादसे के बाद भाग गया।