कोरोना क‌र्फ्यू हटते ही उतर गए लोगों के चेहरे से मास्क

पहली लहर के थमने के साथ बरती गई लापरवाही से ब्रजवासियों ने नहीं लिया सबक स्वास्थ्य अधिकारी भी तीसरी लहर को दूसरी से अधिक बता रहे खतरनाक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:54 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:54 AM (IST)
कोरोना क‌र्फ्यू हटते ही उतर गए लोगों के चेहरे से मास्क
कोरोना क‌र्फ्यू हटते ही उतर गए लोगों के चेहरे से मास्क

संवाद सहयोगी, वृंदावन: कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कहर ढहाया, बावजूद इसके लोग सचेत अब भी नहीं हैं। सरकार ने कोरोना क‌र्फ्यू को हटा दिया गया तो लोगों के मन से कोरोना का भय ऐसा निकला कि अब वे न तो मास्क का ही उपयोग कर रहे हैं और न सामाजिक दूरी का। वीकेंड क‌र्फ्यू के चलते रविवार को बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों का प्रवेश भले ही बंद है, लेकिन भीड़ फिर भी उमड़ रही है। बाजार में किसी के चेहरे पर अब मास्क नजर नहीं आ रहे।

कोरोना की दूसरी लहर ने भले ही देश में हजारों परिवार उजाड़ दिए हों, लेकिन लोग आज भी जागरूक नहीं हो पा रहे हैं। दूसरी लहर के कहर से ब्रजवासियों ने कोई पाठ नहीं सीखा है। सरकार ने आर्थिक हालातों में सुधार के लिए कोरोना क‌र्फ्यू हटा दिया गया। लोगों ने कोविड-19 की गाइड लाइनों को मानने में कोताही बरतना शुरू कर दिया है। बाजार में आधे से ज्यादा लोग और दुकानदार बिना मास्क के ही नजर आ रहे हैं। दुकानों पर बैठे लोग तो शायद मास्क लगाना उचित ही नहीं समझते। बांकेबिहारी मंदिर में अंदर तो प्रबंधन की कड़ाई के चलते मास्क नजर आ रहे हैं, लेकिन बाहर खड़े लोगों में आधे से ज्यादा लोगों के चेहरे पर या तो मास्क है और नहीं शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। कुछ लोगों ने मास्क तो साथ ले रखा है, लेकिन वह मुंह और नाक से नीचे है। जिसके होने न होने का कोई मतलब ही नहीं निकलता। इतना ही नहीं मंदिर में वीकेंड क‌र्फ्यू के बावजूद लोगों की भीड़ सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं कर रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से पूरी तरह निजात पाना सरकार के लिए एक चुनौती है।

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