किसी ने नहीं सुनी तो मुहल्ले ने बना दिया पार्क

अंतापाड़ा वाल्मीकि बस्ती के निवासियों ने पेश किया उदाहरण, वर्षों से बंद पड़े शौचालय बन गए थे असामाजिक तत्वों का अड्डा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:34 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:34 PM (IST)
किसी ने नहीं सुनी तो मुहल्ले ने बना दिया पार्क
किसी ने नहीं सुनी तो मुहल्ले ने बना दिया पार्क

मथुरा, जासं: हर बात पर सरकार के भरोसे बैठने वालों के लिए यह सबक हो सकता है। अंतापाड़ा वाल्मीकि बस्ती के निवासियों ने क्षेत्र में सालों से बंद पड़े शौचालयों के स्थान पर सुंदर क्रीड़ास्थल बनवाकर नजीर पेश किया है। वो भी बिना किसी सरकारी मदद के। बुधवार को इसका उद्घाटन मेयर ने किया।

क्षेत्रीय निवासी बताते हैं कि 1930 से करीब 250 गज जगह में दो शौचालय (महिला-पुरुष) बने हुए थे, जो कई सालों से बंद पड़े हुए थे। धीरे-धीरे यह जर्जर होने लगे। एक तरफ की दीवार भी ढह गई। वहीं, असामाजिक तत्वों का भी अड्डा बन गया। क्षेत्रीय निवासियों ने इसकी शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से की। क्रीड़ास्थल का प्रस्ताव भी बनाकर भेजा, लेकिन सरकार और अधिकारी आते जाते गए। 2008 में मायावती शासन में डीएम एनजी रवि कुमार के निर्देश पर इन्हें तुड़वा दिया गया। इसके बाद वहां रहने वाले करीब 120 परिवारों ने मिलकर करीब 2.5 लाख रुपये की लागत से वहां की दशा बदलनी शुरू कर दी। वहां बाउंड्री और गेट लगवाकर कवर कर दिया व दो झूले भी लगा दिए। जगह को डॉ. अंबेडकर पार्क नाम दिया गया है। इधर, उद्घाटन के मौके पर मेयर डॉ. मुकेश आर्यबंधु ने कहा कि यहां मिट्टी और घास डलवाने का काम कराया जाएगा। इस अवसर पर ओमप्रकाश सनवाल, लाल जी भाई, रतन भगत, अजय सनवाल, भोले चौहान आदि मौजूद रहे।

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10 वर्ष पहले इस इलाके में सीवर लाइन पड़ी। इसके बाद लोगों ने कनेक्शन लेने शुरू किए। आज यह इलाका ओडीएफ मुक्त घोषित हो चुका है। ऐसे में शौचालय का कोई मतलब नहीं था।

- अजय सनवाल, स्थानीय निवासी मुहल्ले के लोगों ने अनुकरणीय काम किया है। अब जो कमी रह गई है उसे नगर निगम पूरी करा देगा। बच्चों के लिए पार्क में मीठे पानी की व्यवस्था की जाएगी।

-डॉ. मुकेश आर्यबंधु, महापौर

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