चार साल में दरकने लगी कृष्णा कुटीर की इमारत
सीडीओ एडीएम प्रशासन ने किया इमारत का निरीक्षण
संवाद सहयोगी, वृंदावन: विधवा व निराश्रित माताओं को आश्रय देने के उद्देश्य से केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की स्वधार गृह योजना के तहत बनाए गए कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन की इमारत दरकने लगी है। बारिश में छत से पानी गिरना आम है। अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त इस इमारत को बनाने में बरती गई लापरवाही का खामियाजा है कि महज चार साल में ही इमारत जगह-जगह से क्षतिग्रस्त नजर आने लगी है। सीडीओ ने एडीएम प्रशासन के साथ गुरुवार को इमारत का निरीक्षण कर नगर निगम के सहयोग से इसकी मरम्मत कराने का भरोसा दिया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की स्वधार गृह योजना के तहत केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार ने नगला रामताल में 1.4 हेक्टेयर भूमि पर 57.48 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक कृष्णा कुटीर महिला आश्रय सदन की स्थापना की। इसका उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 अगस्त 2018 को किया था। सदन में एक हजार माताओं के रहने की सुविधा के साथ कैंटीन, स्वीमिग पूल समेत हर प्रकार की अत्याधुनिक सुख सुविधाएं दी गई थीं। चार साल के छोटे से समय में इमारत दरकने लगी। सदन का संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे डीपीओ अनुराग श्याम रस्तोगी की शिकायत पर गुरुवार को सीडीओ नितिन गौड़, एडीएम प्रशासन सतीश त्रिपाठी ने सदन का निरीक्षण कर खामियों का जायजा लिया। सीडीओ तिवारी ने बताया, इमारत कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बारिश के समय में बारिश का पानी कमरों में पहुंच रहा है, इसके अलावा आरओ से मिलने वाली पानी में भी शिकायत मिल रही है। वर्तमान में 131 माताएं रह रही हैं। स्वच्छता की भी सदन में जरूरत है। कोरोनाकाल में लोगों को क्वारंटाइन कराया गया, तब इमारत को क्षति पहुंची है। डीपीओ को स्वच्छता के निर्देश दिए हैं। नगर निगम के सहयोग से इमारत की मरम्मत कराई जाएगी। ताकि सुविधाएं पर्याप्त रूप से मिल सकें। निगम का सहयोग भी स्वच्छता में लिया जाएगा।