शाही मस्जिद पक्ष ने कहा, अदालत में रिवीजन चलने लायक नहीं
अदालत में दोनों पक्षों में करीब एक घंटे हुई बहस
जासं, मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में पूर्व में दायर वाद के रिवीजन पर जिला जज की अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि निचली अदालत ने पूर्व में ये वाद खारिज कर दिया था, ये वाद चलने लायक नहीं है। इसलिए इस पर दाखिल रिवीजन भी चलने लायक नहीं है। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख तय की है।
लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आठ लोगों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। इसमें वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के बीच हुए समझौते को भी रद करने की मांग की गई है। बीते वर्ष 26 सितंबर को ये वाद सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया था। अदालत ने वाद खारिज कर दिया था। वादी पक्ष ने इसका रिवीजन जिला जज विवेक संगल की अदालत में किया था। सोमवार को हुई सुनवाई में शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के सचिव और अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि निचली अदालत ने इस वाद को बिल्कुल सही खारिज किया था। ये रिवीजन चलने लायक नहीं है। इस पर वादी पक्ष से अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि पहले इसे अपील में दाखिल किया गया था, तब प्रतिवादी पक्ष ने कहा कि इस वाद में दायर अपील चलने लायक नहीं है, इसे खारिज किया जाए। तब अदालत की सहमति से इसे रिवीजन में कन्वर्ट किया गया। अब प्रतिवादी पक्ष इसे भी चलने लायक नहीं बता रहा है। अदालत ने करीब एक घंटे तक दोनों पक्षों की बहस सुनी और अपने-अपने साक्ष्य 29 सितंबर को दाखिल करने को कहा।