चाय बेच रहा कराटे का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

श्रीलंका बांग्लादेश थाईलैंड सहित कई देशों में जीते पदक आर्थिक तंगी से नहीं ले पा रहे प्रतियोगिताओं में हिस्सा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:20 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:20 AM (IST)
चाय बेच रहा कराटे का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
चाय बेच रहा कराटे का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

जागरण संवाददाता, मथुरा: कराटे के अपने कौशल से देश-विदेश में नाम कमा चुका जाबांज खिलाड़ी चाय बेच रहा है। चाय की दुकान उनके 11 सदस्यीय परिवार की आय का एकमात्र जरिया है। मुफलिसी की मार इस कदर है कि मात्र 13 साल की उम्र से कराटे की दुनिया में कदम रखने वाला यह खिलाड़ी बीते छह साल से खेल में शिरकत तक नहीं कर सका है।

यह दास्तां खेल की रोशन दुनिया से अचानक गुमनाम हुए लक्ष्मी नगर निवासी हरिओम शुक्ला की है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के कराटे खिलाड़ी 28 वर्षीय हरिओम शुक्ला ने वर्ष 2006 से कराटे शुरू किया। जल्द ही उन्होंने देश और विदेश की तमाम प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया। कहीं सोना झटका, तो कहीं चांदी से झोली भरी। इंटरनेशनल ब्लैक बेल्ट यूएसए से प्रशिक्षित हरिओम ने श्रीलंका, काठमांडू, बांग्लादेश, थाईलैंड में आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक जीते। मगर, यह कामयाबी उनकी गरीबी दूर नहीं कर सकी। घर चलाने को उन्होंने बच्चों को कोचिंग देना शुरू किया, मगर कोरोना काल में वह भी बंद हो गया। थक कर उन्हें चौकी बाग बहादुर क्षेत्र स्थित पिता दीनदयाल शुक्ला की पुश्तैनी चाय की दुकान को संभालना पड़ा। तीन भाइयों का 11 सदस्यीय परिवार इसी चाय की दुकान से चलता है। इतनी आय नहीं होती कि वे खेल को जारी रख सकें। हरिओम आर्थिक तंगी के चलते 2015 के बाद कहीं बाहर खेलने नहीं जा सके हैं। कहते हैं कि इतना पैसा नहीं है कि आने-जाने के किराए की व्यवस्था हो सके। ऐसे में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना ही छोड़ दिया।

जागा प्रशासन, मिली नौकरी

हरिओम शुक्ला की मुफलिसी की जानकारी डीएम नवनीत सिंह चहल को हुई तो उन्होंने हरिओम को नौकरी दिलाने की सोची। मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण (एमवीडीए) के विशेष कार्याधिकारी क्रांतिशेखर सिंह के जरिए जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल से बात हुई। प्रशासन की पहल पर नारायण दास अग्रवाल ने हरिओम को अपने विवि में छात्र-छात्राओं को कराटे सिखाने के लिए 20 हजार रुपये मासिक पर प्रशिक्षक के रूप में रख लिया है। हरिओम कहते हैं कि इससे उन्हें कुछ राहत मिलेगी। मगर, परिवार बड़ा है। ऐसे में चाय की दुकान पर काम करना पड़ेगा। वे कहते हैं कि उनकी तमन्ना सरकारी नौकरी की है। प्रोफाइल: हरिओम शुक्ला

वर्ष 2006 में मथुरा में प्रशिक्षक इरफान खान से कराटे का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। श्रीलंका, मलेशिया, बांग्लादेश, थाईलैंड, काठमांडू के साथ ही देश में मुंबई, भोपाल, बटाला, नागपुर, कर्नाटक के मांड्या समेत कई अन्य स्थानों पर हुई कराटे प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर 100 से अधिक पदक और सर्टिफिकेट झटके।

chat bot
आपका साथी