सरकार ! गलियां तो देखो, हर जगह धांधली

ये नौकरशाहों के कारनामे और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का एक स्याह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 03:32 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 03:32 AM (IST)
सरकार ! गलियां तो देखो, हर जगह धांधली
सरकार ! गलियां तो देखो, हर जगह धांधली

जागरण संवादाता, मथुरा : ये नौकरशाहों के कारनामे और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का एक स्याह पहलू है। गलियों में एक बार झांक कर देख लो, धांधली आइना की तरह दिख जाएगी। सीवर लाइन डालने को खोदी गई गलियों में कराई इंटरलाकिग धंसने लगी हैं। टूटी-फूटी ईंट तक नहीं बदली गई, जो भुगत रहे हैं, वे शिकायत कर रहे हैं। जिम्मेदार अनसुनी कर रहे हैं। करें भी क्यों न, सब कार्य उनकी ही तो देखरेख में हुआ था।

विकास कार्य से किसी को कोई दिक्कत नहीं है, परेशानी तो कार्यों में दिखाए गए गड़बड़झाला की इंजीनियरिग से हो रही है। आठ महीने पहले महाविद्या कालोनी में चौराहे से लेकर रामलीला मैदान तक सीवर लाइन डालने के लिए मुख्य गली को खोदा गया। खोदाई में तमाम ईंटें टूट गईं। सीवर लाइन डालने के बाद उन्हीं ईंटों को दोबारा से ठेकेदार ने लगा दिया। बारिश हुई तो ईंट धंस गईं। वर्षा जल से ताल-तलैया बन गई। जगन्नाथपुरी में गहरा गड्ढा हो गया और ईंट गायब हो गई हैं। दरेसी रोड पर होकर सुबह से लेकर शाम तक अफसर और जनप्रतिनिधियों का दौरा लगातार हो रहा है। इंटरलाकिग की बिगड़ी सूरत राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई है। हर कदम पर थेगड़ी नजर आ रही है। होलीगेट से जिला अस्पताल के बीच में फुटपाथ को तोड़कर लगाई इंटरलाकिग ईंटों के ज्वाइंट खुल गए हैं। शहर में तमाम गलियां ऐसी हैं। शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। - सीवर डालने का काम समय पर शुरू नहीं किया गया। वर्षा में गली को खोद कर डाल दिया गया। बहू स्कूटी लेकर जब ड्यूटी पर जाती है, तब उसे बहुत मुसीबत झेलनी पड़ती है।

- कांता देवी, स्थानीय निवासी - सात आठ महीने पहले ही इस गली को बनाया गया। अब पूरी गली बैठ गई। बारिश में गली ताल-तलैया बन रही है। कोई सुनने वाला नहीं है।

- अंशुल गुप्ता, स्थानीय निवासी - जब मिट्टी डाल कर इंटरलाकिग की जा रही थी, तब कर्मचारियों से कहा गया था। मिट्टी को ठीक से ठोंक लिया जाए, पर किसी ने सुनी। जहां-जहां धंस गई, वह सही होगी या नहीं, यह भी पता नहीं।

-हरीप्रकश, स्थानीय निवासी - बुरा हाल है। काफी हो हल्ला करने पर कुछ स्थानों पर गलियों को ठीक कर दिया गया। बारिश में एक बार तो गाय फंस गई। बमुश्किल निकाली गई। शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

-सुभाष चतुर्वेदी, स्थानीय निवासी - जेई के माध्यम से उन सभी स्थानों का सर्वे करा लिया गया है। जहां इंटरलाकिग धंस गई हैं। ठेकेदार से भी कहा गया है, उनको ठीक कराए। मौसम साफ होते ही जहां-जहां ऐसी समस्या आई, उसको ठीक करा दिया जाएगा।

- योगेश शर्मा, परियोजना प्रबंधक - ड्रेनेज एवं सीवरेज इकाई

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