दिल्ली में रहकर कैसे जिएंगे, घर को चल दिए मजदूर
दिल्ली में लाकडाउन के साथ ही घर लौटने लगे हैं मजदूर
संवाद सूत्र, सुरीर: दिल्ली में लाकडाउन होने के कारण एक बार फिर मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। हालात देख मजदूर घरों को लौट रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर दिल्ली की ओर से आ रहे मजदूरों से भरे वाहनों की संख्या बढ़ गई है। मजदूर कहते हैं कि लाकडाउन में दिल्ली में रहकर तो जी नहीं पाएंगे। अब घर पर ही सहारा मिलेगा।
यमुना एक्सप्रेस वे पर होकर आ रहे बस, ट्रक, टैक्सी व टेंपो समेत वाहनों में खचाखच भरे प्रवासी मजदूर घर की ओर जा रहे हैं। लाकडाउन लगने के बाद अब वह दिल्ली से निकल कर घर पहुंचना चाहते हैं। उनका मानना है कि बीते वर्ष लाकडाउन में मदद कम तमाशा ज्यादा बना था। ऐसे में जिल्लत और आफत झेलने से बेहतर है कि वह घर पर अपनों के बीच इस आपदा का सामना करें। बिहार के कटिहार निवासी रामचंद्र दिल्ली में मजदूरी करते हैं। वह कहते हैं कि पिछले साल रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ा था। जो खाने का पैकेट देता वह चार बार फोटो खींचता, इससे पेट के लिए हर दिन शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। बिहार के ही चंपारण निवासी नाथू भगत दिल्ली में कब तक लाकडाउन रहे, इसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में घर पर कम से कम मकान का किराया तो बचेगा। शिकोहाबाद निवासी ध्रुव दिल्ली में फैक्ट्री में काम करते हैं। कहते हैं कि फैक्ट्री बंद हो गई, अब घर जाना मजबूरी है। स्कूटी लेकर चार किमी पैदल चले युवक : लाकडाउन लगने के बाद मंगलवार को दिल्ली से यमुना एक्सप्रेस वे पर होकर घर जा रहे फीरोजाबाद के गांव निजामपुर गढ़मा निवासी अभिषेक व सौरभ की स्कूटी का पेट्रोल खत्म होने पर तेज धूप में चार किमी पैदल स्कूटी लेकर चले।