धान और सरसों की फसल में पचास फीसद नुकसान

एक सप्ताह पहले बोई गई सरसों खत्म कृषि विभाग का धान में 30 प्रतिशत नुकसान का दावा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:09 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:09 AM (IST)
धान और सरसों की फसल में पचास फीसद नुकसान
धान और सरसों की फसल में पचास फीसद नुकसान

जागरण टीम, मथुरा: पिछले 24 घंटे से रुक-रुक हो रही वर्षा से धान की फसल में 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है तो एक सप्ताह पहले बोई गई सरसों की फसल नष्ट हो गई। अब उसके उगने की गुंजाइश नहीं है। कृषि विभाग धान में 30 प्रतिशत नुकसान होने का दावा कर रहा है। रविवार सुबह से शुरू हुई बारिश रात में भी हुई और सोमवार को सुबह भी हुई।

धान की फसल की कटाई-मड़ाई कार्य चल रहा है। किसान सरसों की बोवाई कर रहे हैं। करीब 50-60 हजार हेक्टेअर में धान की फसल खरीफ में बोई गई थी, जबकि अब तक 25 हजार हेक्टेअर में किसान सरसों की बोवाई कर चुके हैं। राधाकुंड, मुखराई, कुंजेरा, बसोंती, जुल्हैंदी, नगला पंजाबी क्षेत्र में कटा हुआ धान पानी में डूब गया। किसान नीरज गौड़ ने बताया, धान की 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है। किसान नीरज गौड़, पप्पू मेंबर, जनको सिंह, तेज प्रकाश, लेखराज सिंह, कुली पंडित, नरेश बघेल ने बारिश से फसल में हुए नुकसान का सर्वे कराकर डीएम से मुआवजा दिलाने की मांग की है। सोनई के किसानों की सरसों और धान की अधिकांश फसल बारिश से बर्बाद हो गया। गांव चमिला, विरहना पिरसुआ इटोरा विसावली के किसान भी प्रभावित हुए हैं। किसान बृज बिहारी शर्मा ने बताया, बारिश से फसलों को बर्बाद कर दिया। किसान रन सिंह चौधरी ने बताया, किसानों के नुकसान का आकलन करने के लिए अभी तक राजस्व विभाग की टीमें नहीं आई हैं। प्रशासन को नुकसान हुई फसलों का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए, पर प्रशासन खामोश है। तहसील महावन के किसानों की भी फसल को नुकसान हुआ है। धान खलिहान में पड़ा हुआ है, जो भीगने के कारण सड़ जाएगा। सरसों की बोवाई अधिकांश किसानों ने कर दी। कुछ किसानों ने आलू भी बो दिए। गांव कारब, सिहोरा पचावर, नगला तेजा, नगला लोका, तारापुर, नगला पोला, नगला राना, हयातपुर, अलीपुर के किसान परेशान हैं। गांव सिहोरा के किसान राजवीर सिंह ने बताया, नष्ट फसल का किसानों को तत्काल मुआवजा दिए जाए। सुरीर के किसान किसान शिवराम शर्मा ने बताया, बारिश से धान की जो फसल गिर गई, वह सड़ जाएगी। किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह का कहना है, बेमौसम बारिश से किसानों हुए नुकसान की भरपाई को अभी तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। किसानों को मुआवजा नहीं मिला तो संगठन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह ने बताया, धान में 25-30 प्रतिशत तक नुकसान होने का अनुमान है। एक सप्ताह पहले बोई गई सरसों में भी नुकसान हुआ है।

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