गिरिराजजी का हुआ अभिषेक, विशाल छप्पन भोग आज

रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रही गिरिराजजी की तलहटी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 12:15 AM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 12:15 AM (IST)
गिरिराजजी का हुआ अभिषेक, विशाल छप्पन भोग आज
गिरिराजजी का हुआ अभिषेक, विशाल छप्पन भोग आज

जागरण संवाददाता गोवर्धन: गिरिराज की भूमि गोवर्धन की गिरि तहलटी का गिरवर निकुंज जहां गिरिराज धरन की जय जयकार से गूंजता रहा। यमुना, गंगा, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र चिनार, कृष्ण, अलखनंदा के पवित्र जल, दूध, दही, शहद व जड़ी बूटियों के पंचामृत से श्रीगिरिराज महाराज का दिव्य पंचरत्नम महाभिषेक सम्पन्न हुआ। ग्वाल और सखी रूप बने श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से अभिषेक कर आरती की।

छप्पन भोग उत्सव की पूर्व संध्या पर वैदिक मंत्रोच्चरण के मध्य आचार्य कामेश्वर पंडित ने महाभिषेक सम्पन्न कराया। ब्रज के प्रमुख उत्सवों में शुमार छप्पन भोग उत्सव में महाभिषेक के दौरान वातावरण कृष्णमय हो गया। गोपी स्वरूप धारण करते महिलाएं एवं ग्वाल रूप धारण करते समिति परिवार के सदस्य गाजे बाजे के साथ छप्पन भोग स्थल गिरवर कुंज में अभिषेक करने को आए। इन्द्र के मानमर्दन के उपरांत ब्रजवासियों ने जैसे श्रीगिरिराज महाराज को छप्पन भोग लगाया। उसी भाव को साकार करने के उद्देश्य से श्रीगिरिराज सेवा समिति परिवार की ओर से यह उत्सव का आयोजन किया गया। इसके लिए समिति परिवार सदस्यों की ओर से महाभिषेक कर भगवान श्रीगिरिराज महाराज को छप्पन भोग का न्योता दिया है। ग्वाल गोपी के स्वरूप में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु श्रीगिरिराज महाराज का जयजयकार कर अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित करते रहे। इससे पूर्व समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने पंचामृत अभिषेक कर कलश पूजा की। अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल, महामंत्री अशोक आढ़ती, नीरज गोयल, दिनेश राजेन्द्र सर्राफ, भगवानदास खंडेलवाल, राघवेन्द्र गर्ग कन्नू सर्राफ, हरीश गिलट, मुरारी सरन सर्राफ, संजय ¨जदल, महावीर अग्रवाल, राकेश गर्ग, हरीश गिलट, विनय अग्रवाल, अंशुल शोरा, अंकित शोरा, विजय सर्राफ किशोर सर्राफ आदि ने अभिषेक किया। .................. अलौकिक होंगे दर्शन :

शुद्ध गाय के घी से बने 21 हजार किलो प्रसाद से सजने वाले छप्पन भोग में सोने के वर्क के व्यंजन भी शामिल है। गिरिराज प्रभु का श्रृंगार राजाधिराज के रूप में शरद मुखियाजी असली हीरे मोती, नीलम, पन्ना, पुखराज, गोमिद जैसे नवरत्नों से करेंगे। प्रभू हीरा जड़ित बांसुरी धारण करेंगे। महोत्सव स्थल पर जगह-जगह शास्त्रीय संगीत गायन होगा।

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