राधा-कृष्ण संग बांधी आस्था की डोर, बन गए श्रद्धालुओं के गाइड

श्रद्धालुओं को निश्शुल्क ब्रज दर्शन कराते हैं क्षेत्रपाल शर्मा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 06:59 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:59 AM (IST)
राधा-कृष्ण संग बांधी आस्था की डोर, बन गए श्रद्धालुओं के गाइड
राधा-कृष्ण संग बांधी आस्था की डोर, बन गए श्रद्धालुओं के गाइड

नवनीत शर्मा, मथुरा : राधा-कृष्ण संग प्रीत ही ऐसी है, जिसने भी श्रद्धा की डोर बांधी, वह उनके प्रेम में बंधता ही चला जाता है। कभी रेलवे में नौकरी करने वाले क्षेत्रपाल शर्मा भी ऐसे ही भक्त हैं। नौकरी से रिटायर हुए, तो राधा-कृष्ण की लीलाओं से देश-दुनिया के लोगों को परिचित कराने को गाइड बन गए। इसके लिए वह कोई शुल्क नहीं लेते, बल्कि श्रद्धालुओं के साथ खुद भी आराध्य के दर्शन करते हैं।

शहर के अंतापाड़ा मुहल्ले में रहने वाले क्षेत्रपाल शर्मा रेलवे में मुख्य टिकट निरीक्षक थे। उनकी तैनाती कैंट रेलवे स्टेशन पर थी। राधा-कृष्ण के प्रति अगाध आस्था के चलते वह रेलवे में टूरिस्ट इंस्पेक्टर का पद भी संभालने लगे। रेलवे के अधिकारी जब ब्रज भ्रमण पर आते तो, उनके गाइड की भूमिका क्षेत्रपाल शर्मा ही निभाते। आध्यात्म में बचपन से गहरी रुचि रखने वाले क्षेत्रपाल वर्ष 1992 में रेलवे से सेवानिवृत्त हो गए। राधे-कृष्ण को अपना जीवन समर्पित कर देने वाले क्षेत्रपाल ब्रज के प्रमुख स्थलों पर घूमते और श्रद्धालुओं को ब्रज की जानकारी देते। वर्ष 2004 में जेनर्म ने श्रद्धालुओं के लिए ब्रज दर्शन बस चलाई, उसमें गाइड की जरूरत थी। पर्यटन विभाग ने आवेदन मांगे, तो क्षेत्रपाल आवेदन देकर उसमें गाइड बन गए। उनकी नियुक्ति हर श्रद्धालु से मिलने वाले कमीशन पर की गई। रोज ब्रजदर्शन की बस में सफर करना और श्रद्धालुओं को तीर्थ स्थल का भ्रमण कराना क्षेत्रपाल की दिनचर्या में शामिल है। ये धर्म और राधा-कृष्ण के प्रति आस्था ही है कि क्षेत्रपाल एक रुपया भी कमीशन नहीं लेते हैं। वह मुफ्त श्रद्धालुओं के गाइड बनते हैं। कहते हैं कि इसी बहाने मुझे भी भगवान के दर्शन होते हैं। रोजी-रोटी तो रेलवे से मिलने वाली पेंशन से चल जाती है।

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