छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के आठ और कर्मचारी फंसे

एक अधिकारी और तीन कर्मचारियों के खिलाफ पूर्व में हो चुकी रिपोर्ट जांच के दायरे में शामिल की गईं नौ और प्राइवेट आइटीआइ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 05:18 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 05:18 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के आठ और कर्मचारी फंसे
छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के आठ और कर्मचारी फंसे

जागरण संवाददाता, मथुरा: 23 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन आठ अधिकारी और कर्मचारियों की गर्दन फंस गई है। इनके खिलाफ शासन ने डीएम को रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के आदेश दिए हैं। जांच के दायरे में नौ अन्य प्राइवेट आइटीआइ को भी शामिल किया गया है। अब इनकी संख्या बढ़कर 71 हो गई।

वित्तीय वर्ष 2015-16 से अब तक प्राइवेट आइटीआइ में छात्रवृत्ति का करोड़ों रुपये की धनराशि का घोटाला हुआ। भाजपा विधायक पूरन प्रकाश की शिकायत पर इनके खिलाफ जांच शुरू की गई। अब तक समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारी तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कई का तबादला दूसरे शहरों में हो गया है। आठ तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारियों को प्रारंभिक जांच में छात्रवृत्ति घोटाले में संदिग्ध भूमिका निभाने का दोषी माना है। अपर निदेशक समाज कल्याण रजनीश चंद्र ने डीएम नवनीत सिंह चहल को तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी उमाशंकर शर्मा, विनोद शंकर तिवारी, वरिष्ठ सहायक गिर्राज प्रसाद शर्मा, कनिष्ठ सहायक मान सिंह शर्मा, प्रधान सहायक श्रीओम शर्मा, कनिष्ठ सहायक कार्यालय हाथरस पूरन चंद्र शर्मा और वरिष्ठ सहायक मुजीबुर्रहमान (मृतक) के खिलाफ रिपोर्ट कराने के लिए कहा है। इससे पहले एक समाज कल्याण अधिकारी और तीन कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। जांच में नौ प्राइवेट आइटीआइ और शामिल की गई हैं। अब जांच के दायरे में 71 आइटीआइ आ गई हैं।

'समाज कल्याण विभाग के आठ तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश प्राप्त हुए हैं। इनके संबंधित दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है।'

- रमाशंकर गुप्ता, प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी

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