अधिकमास में आस्था से जगमग रहेंगे द्वारिकाधीश

संवाद सहयोगी मथुरा अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास। ये वह मास है जब पूरा ब्रज आस्था और भक्ति से

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 05:03 AM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 05:03 AM (IST)
अधिकमास में आस्था से जगमग रहेंगे द्वारिकाधीश
अधिकमास में आस्था से जगमग रहेंगे द्वारिकाधीश

संवाद सहयोगी, मथुरा: अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास। ये वह मास है, जब पूरा ब्रज आस्था और भक्ति से गुलजार रहता है। ब्रज की रज माथे से लगाने को श्रद्धालु उतावले रहते हैं। राजाधिराज द्वारिकाधीश का आंगन भी इस माह भक्ति के ऐसे ही रंग में रंग जाएगा।

हर तीन वर्ष में आने वाला अधिक मास ब्रज से लगाव रखने वालों के लिए इसलिए भी खास है कि जिन आयोजनों के देखने के लिए वर्ष भर के प्रवास की जरूरत है वह सभी इस एक माह में देखे जा सकते हैं। द्वारिकाधीश मंदिर में वर्ष भर में होने वाले मनोरथ आयोजन इसी एक महीने में दोहराए जाते हैं। शुक्रवार को अधिकमास के पहले दिन चांदी के पालना से मनोरथ की शुरुआत हुई। इसके बाद सोने का पालना, नंदोत्सव, फूल फाग, कुंज में फाग, रथ यात्रा, दानगढ़-मानगढ़, दानलीला, छाक, गोचारण की लीला होगी।

फूलों का हिडोला, फल-फूलों का हिडोला, बगीचा में हिडोला, षटऋतु, शरद महारास, राजदरबार, ब्यावला, मोती का बंगला, चांदी का बंगला, कांच का बंगला, गुलाबी गणगौर के साथ ही सावन मास में सजने वाली काली घटा, हरी घटा, आसमानी घटा, लहरिया घटा, सोसनी घटा भी सजेगी। दीपावली पर होने वाला दीपदान होगा, तो ठाकुर जी ने गोपियों से जो दान मांगा था, उस महादान का मनोरथ भी मंदिर परिसर में होगा। 'यह आयोजन श्रद्धालु अपनी इच्छा के अनुसार न्यौछावर देकर करा सकते हैं। पूरे माह अलग-अलग मनोरथ होंगे। जिस दिन श्रद्धालु की ओर से आयोजन नहीं होता, उस दिन मंदिर द्वारा कराया जाता है।'

- राकेश तिवारी,मीडिया प्रभारी, द्वारिकाधीश मंदिर

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