पानी की खातिर हैंडपंप पर गुजर जाता दिन

ग्रामीण क्षेत्र में बनी पेयजल टंकियां नाकाफी हो रही साबित

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 May 2019 10:49 PM (IST) Updated:Thu, 02 May 2019 06:23 AM (IST)
पानी की खातिर हैंडपंप पर गुजर जाता दिन
पानी की खातिर हैंडपंप पर गुजर जाता दिन

सौंख(मथुरा), संसू। गर्मी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पानी के लिए मारामारी शुरू हो गई है। महिलाएं काफी दूर से पानी लाने को विवश हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बनी पेयजल टंकियां नाकाफी साबित हो रही।

सौंख क्षेत्र में भूगर्भ में पानी बहुत खारा हैं। करीब 2000-2400 टीडीएस का पानी पीना लोगों के लिए आसान नहीं है। सौंख-मथुरा रोड स्थित कस्बा के निकटवर्ती मल्हू, ओढम, श्यौबा, नौधरा, नगला टौंटा, नगला अड्डा सहित आधा दर्जन गांवों में पेयजल की स्थिति काफी गंभीर है। महिलाओं का भी पूरा दिन पेयजल जुटाने में ही गुजर जाता है। गांव अड्डा के निकट लगे हैंडपंप पर पानी भरने के लिए आए गांव मल्हू निवासी दिव्यांग कलुआ ने बताया कि गांव में पेयजल आपूर्ति की टंकी है, लेकिन उसकी सप्लाई अनियमित है। आज सप्लाई नहीं हुई तो वह दो किमी दूर अपने दिव्यांगों को मिलने वाले रिक्शा को चलाकर पानी भरने आए हैं। गांव अड्डा की मुकेश देवी ने बताया कि गांव की महिलाएं करीब एक किमी दूर लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाती हैं। नगला टौंटा निवासी विमलेश देवी ने बताया कि बहू-बेटियों को गांव से बाहर फौंडर रजवाह के किनारे लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाती हैं। गांव नौधरा की राधा देवी ने बताया कि अधिकांश जनसंख्या गांव से दूर लगे हैंडपंप पर ही निर्भर है। भाकियू के राजकुमार चौधरी ने बताया कि लोगों का सारा दिन पानी का जुगाड़ करने में निकल जाता है।

क्षेत्रीय विधायक ठाकुर कारिदा सिंह ने बताया कि अधिकांश ग्राम पंचायत में पेयजल सप्लाई के लिए टंकी बनी हुई हैं। प्रधानों को उनका समुचित उपयोग करना चाहिए। खारे पानी की समस्या से निपटने को विस्तृत योजना का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही क्षेत्र को इस समस्या से निजात दिला दी जाएगी।

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