बदहाल ड्रेनेज सिस्टम से बर्बाद हो रहे किसान
रोड़ों खर्च कर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने का दावा तो किया गया है ले
जागरण टीम, मथुरा: करोड़ों खर्च कर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने का दावा तो किया गया है, लेकिन इसका एक स्याह सच भी है। नालों से पानी की निकासी न होने से वह ओवरफ्लो हो रहे हैं। ऐसे में नालों का पानी खेतों में भर रहा और यहां खड़ी फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो रही। तहसील मांट, सदर और छाता क्षेत्र में हजारों बीघा फसल पानी में डूबी हुई है। ड्रेनेज सिस्टम काम नहीं कर पा रहा है। फसलों के बचने की उम्मीदें पल-पल टूटती जा रही हैं। नुकसान की भरपाई को किसान जिम्मेदारों के दर पर दस्तक दे रहे हैं। अभी सर्वे कर नुकसान का आकलन करने के लिए अफसर किसानों के खेतों पर नहीं पहुंचे हैं।
अभी बादल छाए हैं। दो माह में मानसून लौट जाएगा। तीन-चार दिन की बारिश ने तहसील मांट के गांव मुइनुद्दीनपुर, ढोकला वास, बिरजीकी नगरिया, सिकंदरपुर, जरारा, बेरा, महमूदगढ़ी, लोहई, नगला जयसिंह, तुलागढ़ी, राजागढ़ी, नयाबांस के सैकड़ों किसानों की फसल को डुबो दिया। छाता तहसील के गांव बुखारी, बरका, धानोता जावली, सुपाना, सिरथला, दहगांव समेत एक दर्जन गांवों के किसानों के खेतों में दो-तीन फीट तक पानी खड़ा है। गोवर्धन तहसील के ओल और परखम क्षेत्र में जलभराव हो गया है। जलभराव रोकने के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्तीकरण को 10 करोड़ 81 लाख रुपये की कार्ययोजना बनाई गई। 50 ड्रेन साफ कराई गईं। इसके बाद भी किसान मुसीबत में फंस गए। -ये है ड्रेनेज सिस्टम
-सिचाई विभाग के खंड-ड्रेनों की संख्या-कुल लंबाई
-अपर खंड आगरा-104-622.140
-लोअर खंड आगरा-7-13.950
-निचली मांट ब्रांच-64-316.280
-ऊपरी मांट-4:966.12
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-मांगा मुआवजा : संसू, सुरीर : ईखू ड्रेन को साफ नहीं कराने से डूबी फसलों का मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर भाकियू लोकशक्ति ने तहसील मांट में ज्ञापन दो दिन पहले दिया था। भाकियू लोकशक्ति के तीर्थपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह, चंद्रमोहन सिंह, जितेंद, बनवारी लाल और विशंभर ने कहा, किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा। -दौड़े अफसर, देखा हाल:
संसू, कोसीकलां: कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के छाता विधान सभा क्षेत्र में फसलों के डूबने पर सिचाई विभाग और राजस्व विभाग के अफसर निरीक्षण को दौड़ पड़े। कई गांवों में जाकर किसानों की बर्बाद होती फसल देखी। कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के प्रतिनिधि नरदेव चौधरी ने किसानों को आश्वस्त किया, डूबी हुई फसल का मुआवजा दिलाया जाएगा। बोले किसान:
-करीब पांच सौ बीघा फसल डूब गई। हमारी समस्या को लेकर नेता और अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसे किसान परेशान हो गया है।
-तीर्थपाल सिंह, किसान। -ड्रेन की सफाई करा दी गई तो आज किसान बर्बाद नहीं होते। ईखू ड्रेन अवरुद्ध पड़ी है। जिसका पानी खेतों में भर रहा है
-किशोरी लाल, किसान। -हर साल ऐसी ही मुसीबत झेलनी पड़ती है। जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। खामियाजा किसान भुगत रहे हैं, और बर्बाद हो रहे हैं।
-रामकुमार सिंह, किसान। -जलभराव से धान की फसल में नुकसान हुआ है। किसान लगातार बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
- सुनील सिंह, किसान। क्या कहते हैं अधिकारी
-गोवर्धन नाला, राल नाला, कोसी नाला समेत करीब 50 से अधिक ड्रेनों में सफाई हुई है। कम समय में सामान्य से अधिक वर्षा होने पर जलभराव स्वाभाविक है।
-बचन सिंह, अधिशासी अभियंता अपर खंड आगरा -जलभराव की स्थिति की जांच भी जानकारी मिल रही है, वहां ड्रेन साफ कराकर फसलों को बचाने के प्रयास कराए जाएंगे। ड्रेनों की सफाई में कहीं कोई गड़बड़ी की गई तो उसकी जांच के लिए शासन को लिखा जाएगा। राजस्व विभाग को भी जलभराव से हुए नुकसान की तत्काल रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजनी चाहिए।
-सुधीर रावत, उपाध्यक्ष सिचाई बंधु