मरीजों के चेहरे पर खुशी देख मिलती थी हिम्मत

28 दिनों तक बेटे से रही थीं दूर पहले वृंदावन के एल-वन तथा अब टीकाकरण में लगी ड्यूटी लोगों की सेवा करने की ली है शपथ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:45 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:45 AM (IST)
मरीजों के चेहरे पर खुशी देख मिलती थी हिम्मत
मरीजों के चेहरे पर खुशी देख मिलती थी हिम्मत

जागरण संवाददाता, मथुरा: कोरोना वायरस को लेकर घर-परिवार के सदस्य डरे हुए थे। शुरुआती दिनों में तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोवर्धन पर इमरजेंसी में ड्यूटी रही। लेकिन मई में मेरी ड्यूटी वृंदावन के एल-वन हास्पिटल में लगा दी गई। स्वजन सुनते ही परेशान हो उठे। मैंने ड्यूटी करना शुरू किया। काफी देर तक पीपीई किट पहनकर जब मरीजों के बीच रहती और उनके अकेला पन दूर करती थी। उस दौरान मरीजों के चेहरे पर एक खुशी देखने को मिलती थी। जिससे मुझे बहुत हिम्मत मिली। मेरी ड्यूटी के दौरान काफी लोग स्वस्थ होकर अपने घर को गए। वह लोग जिस तरह से दुआ देते थे। उसी का परिणाम रहा कि लगातार 14 दिन तक कोविड वार्ड में ड्यूटी करने के बाद सब कुछ ठीक रहा। यह कहना है गोवर्धन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्टाफ नर्स किरण कुंतल का।

वह मूलरूप से गोवर्धन की रहने वाली हैं। उनका सात वर्ष का एक बेटा आरभ सोलंकी है। पति महेश सोलंकी एक निजी कंपनी में जाब करते है। परिवार में सास-ससुर के साथ अन्य सदस्य भी हैं। स्टाफ नर्स ने बताया कि यूं तो मैंने मरीजों की सेवा करने का ही संकल्प लिया है। लेकिन जब मरीज संक्रमित होता है तो स्वजन भी उसको बहुत ही तिरछी नजर से देखते हैं। ऐसे में हम उन लोगों के बीच में रहते। उन्हें दवा खिलाते हैं। उनकी देखरेख करते हैं तब उन लोगों को बहुत अच्छा लगता है। हमारे भी मन को सुकून मिलता है। मैंने लगातार 14 दिन तक कोविड वार्ड में ड्यूटी की। इसके बाद 14 दिन के लिए आइसोलेशन वार्ड में रही। एक महीने के बाद मैं अपने बेटे से मिली। बीच में सिर्फ मोबाइल पर ही वीडियोकाल होती थी। लगातार एक माह तक बेटे से दूर रहना मेरे लिए सबसे कठिन समय था। इन दिनों मेरी ड्यूटी टीकाकरण में लगी हुई है। मेरी अपील है कि सभी लोग मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ बार-बार साबुन से हाथ धोएं। मैंने भी कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान इन्हीं गाइड लाइन का पालन किया था। जिसके बाद मैं संक्रमित मरीजों के बीच में रहने के बाद भी पूरी तरह से स्वस्थ रही।

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