मंदिर, मस्जिद और आश्रमों में बरतनी होगी सावधानी

कोविड प्रोटोकाल लागू करने के लिए प्रशासन ने की धर्मगुरुओं संग बैठक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 06:57 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 06:57 AM (IST)
मंदिर, मस्जिद और आश्रमों में बरतनी होगी सावधानी
मंदिर, मस्जिद और आश्रमों में बरतनी होगी सावधानी

संवाद सहयोगी, वृंदावन: चैत्र नवरात्र के साथ बुधवार से शुरू हुए माह-ए-रमजान को लेकर प्रशासन ने धर्मगुरुओं संग बैठक की। नगर मजिस्ट्रेट ने कहा, आश्रमों में बाहर से आ रहे साधुओं और श्रद्धालुओं पर कोविड रिपोर्ट होनी चाहिए। अगर, वे कोविड रिपोर्ट लेकर न आएं, तो कुछ दिन उन्हें आइसोलेट रखना होगा, इस बीच कोविड जांच भी करवाएं।

कोतवाली परिसर में बुधवार को नगर मजिस्ट्रेट जवाहर लाल श्रीवास्तव, सीओ सदर गौरव त्रिपाठी ने शहर के धर्मगुरुओं संग बैठक में कोविड-19 की गाइड लाइनों की जानकारी दी। कहा कि नवरात्र और रमजान के दौरान मंदिर, आश्रम और मस्जिदों में भीड़ एकत्रित न होने दें। हमें ख्याल रखना होगा कि लोग आपस में दूरी बनाकर रखें। आचार्य मृदुलकांत शास्त्री, आचार्य बद्रीश, महंत मोहिनी बिहारीशरण, अनिल कुमार दास, मुनीश शर्मा, उमेश सारस्वत, मोहन गोस्वामी, आजाद कुरैशी समेत अनेक आश्रमों व मंदिरों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बाजार में सन्नाटा, खाली पड़े रेस्टोरेंट

वृंदावन: कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ठा. बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। इसका सीधा असर शहर के व्यापार पड़ने लगा है। मंदिर में श्रद्धालु कम आ रहे हैं, तो बाजार में भी सन्नाटा पसरा है। रेस्टोरेंट भी खाली हैं।

ठा. बांकेबिहारी मंदिर से लेकर विद्यापीठ और हरिनिकुंज चौराहा तक करीब दो दर्जन से अधिक रेस्टोरेंट हैं। सामान्य दिनों में रेस्टोरेंट में सुबह खुलने से लेकर रात बंद होने तक कुर्सियां खाली नहीं होती थीं। ग्राहकों को अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या तय होने के बाद अब जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं, वे न तो किसी गेस्टहाउस में ही ठहर रहे हैं और न ही रेस्टोरेंट में जा रहे हैं। हरिनिकुंज स्थित एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट के संचालक का कहना है कि उनके यहां दो दिन से एक भी ग्राहक नहीं आया। अब तक रोज के खर्चे निकालना भी मुश्किल हो रहा है। ठा. बांकेबिहारी मार्केट से लेकर अठखंभा और लोई बाजार हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहता था। अब यहां भी सन्नाटा पसरा है।

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