नहरों की हो गई सफाई, पटरी पर छोड़ दी सिल्ट

नहरों की सफाई का कार्य पूरा हो गया। कुछ नहरों में पानी भी छोड़ दिया गया है। रजबहा और माइनरों से निकाली गई सिल्ट अभी तक पटरियों पर पड़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:16 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 05:16 AM (IST)
नहरों की हो गई सफाई, पटरी पर छोड़ दी सिल्ट
नहरों की हो गई सफाई, पटरी पर छोड़ दी सिल्ट

जागरण संवाददाता, मथुरा: नहरों की सफाई का कार्य पूरा हो गया। कुछ नहरों में पानी भी छोड़ दिया गया है। रजबहा और माइनरों से निकाली गई सिल्ट अभी तक पटरियों पर पड़ी है। उसकी ड्रेसिग नहीं कराई गई है। ड्रेसिग नहीं कराने पर एक दर्जन से अधिक ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए है।

सिचाई विभाग के अपर खंड आगरा नहर आगरा, निचली मांट ब्रांच खंड गंग नहर, लोअर खंड आगरा और ऊपरी मांट खुर्जा डिवीजन में 409.01 लाख रुपये खर्च कर 539.29 किलोमीटर रजबहा और 593.60 किलोमीटर लंबी माइनरों की सिल्ट सफाई का कार्य कराया गया है। सफाई में निकली सिल्ट की ठेकेदार को ड्रेसिग (पटरी पर बिछाना या किसी दूसरे स्थान पर डालना) का कार्य करना था। मगर, सिल्ट को रजबहा और माइनर के ऊपर पटरी पर डाल दिया गया। एक बारिश होते ही वह बह कर नहर में समां जाएगी। सिचाई विभाग के नोडल अधिकारी बचन सिंह ने बताया कि एक दर्जन से अधिक ठेकेदारों ने सिल्ट को पटरी पर डाल दिया है। उसकी ड्रेसिग नहीं कराई गई है। उनको नोटिस जारी किए गए है। अगर, वह निर्धारित अवधि में कार्य पूरा कराकर नोटिस का जवाब नहीं देंगे तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा। कार्य भी दूसरी किसी एजेंसी से करा लिया जाएगा।

-- मथुरा रजबहा: गांव अड़ींग के समीप आगरा नहर से निकले मथुरा रजबहा की सफाई का कार्य पूरा हो गया है। सफाई के दौरान निकाली सिल्ट को पटरी पर ही किनारे पर डाल दिया गया है। इस सिल्ट को रजबहा के दोनों किनारों की पटरी पर भी बिछाया जा सकता था, लेकिन ठेकेदार ने ऐसा नहीं किया। एक तरफ की पटरी की चौड़ाई तो ठीक है, लेकिन वह कमजोर हो गई है, जबकि दूसरी तरफ की पटरी एक बड़ी मेड़ सी नजर आ रही है। एक बरसात होते ही पूरी सिल्ट रजबहा में समां जाएगी। इसके साथ ही पानी का फ्लो भी प्रभावित होगा। इसके बाद टेल के किसानों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल पाएगा। --- ब्यौंही माइनर: निचली मांट ब्रांच खंड गंग नहर की ब्यौंही माइनर की सफाई करने के बाद सिल्ट का निस्तारण नहीं किया गया है। हालांकि सफाई माइनर की चौड़ाई के हिसाब से की गई है, लेकिन कई स्थानों पर उसे इतना गहरा कर दिया गया है कि कुलाबा से पानी निकलना मुश्किल हो जाएगा। इससे किसानों को सिचाई के लिए पानी मिलने में दिक्कत होगी। बारिश होने पर सिल्ट के फिर से माइनर में समा जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

---अपर खंड में 16 रजबहों की 389.29 किमी लंबाई में कराई गई सफाई

--अपर खंड में 66 माइनरों की 374.04 किमी लंबाई में कराई गई सफाई

--निचली मांट ब्रांच खंड गंगा नहर के 12 रजबहों की 124.87 किमी लंबाई में कराई गई सफाई

--निचली मांट ब्रांच खंड गंग नहर की 37 माइनरों की 184 किमी लंबाई में कराई सफाई

-- लोअर खंड आगरा में 5 माइनरों की 18.8 किमी लंबाई में कराई गई सफाई

-- ऊपरी मांट ब्रांच में 5 माइनरों की 16 किमी लंबाई में कराई गई सफाई

- बठैन माइनर की किसानों ने चंदा एकत्रित करके सफाई कराई, जबकि सिचाई विभाग की कार्ययोजना में शामिल थी। गिडोह, दहगांव, नवीपुर, गढ़ी बरबारी, कामर, हुलवाना माइनर की सफाई का कार्य पूरा नहीं कराया गया। इसी तरह से निचली मांट ब्रांच में रजबहा और माइनरों के पूरे कार्य नहीं कराए गए है। इस मामले की शिकायत सिचाई विभाग के अधिकारियों से की गई है। शासन को भी सफाई कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए पत्र लिखा है।

---सुधीर रावत, उपाध्यक्ष सिचाई बंधु

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