शरद पूर्णिमा पर जन्मस्थान के केशवदेव मंदिर में सजेगा चंद्रलोक
द्वारकाधीश मंदिर प्राचीन केशव देव मंदिर में भी होंगे आयोजनमंदिरों में बहेगी आस्था की बयार उमड़ेगा श्रद्धालुओं का रेला
संवाद सहयोगी, मथुरा : शरद पूर्णिमा 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। मंदिरों में आस्था की बयार बहेगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर केशवदेवजी चंद्रलोक के स्वरूप में दर्शन देंगे। द्वारकाधीश मंदिर में भी ठाकुरजी के विशेष दर्शन होंगे। प्राचीन केशवदेव मंदिर में ठाकुरजी का अभिषेक किया जाएगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भगवान श्रीकेशवदेव मंदिर को चंद्रलोक के स्वरूप में सजाया जाएगा। केशवदेव भगवान चंद्रलोक के स्वरूप में दर्शन देंगे। मंदिर को रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा से जगमग किया जाएगा। शरद पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ सुबह 8. 30 बजे श्रीगिरिराज के अभिषेक से किया जाएगा। 11. 30 बजे से प्रसादी भंडारे का आयोजन किया जाएगा। शाम सात से रात दस बजे तक भजन गायन किया जाएगा। महारास का मंचन रात 11 बजे तक होगा। रात 11 बजे श्रीगिरिराजजी की महाआरती होगी। श्रद्धालुओं का प्रवेश रात 11 बजे तक हो सकेगा। जन्मस्थान के विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर ने बताया कि केशवदेव मंदिर को चंद्रलोक के स्वरूप में सजाया जाएगा। छप्पनभोग का आयोजन किया जाएगा।
द्वारकाधीश मंदिर में शाम 6.30 से 7.30 तक विशेष दर्शन होंगे। ठाकुरजी के दर्शन करने को रेला उमड़ेगा। मीडिया प्रभारी एड राकेश तिवारी ने बताया कि ठाकुरजी मंदिर चौक में आकर भक्तों को दर्शन देंगे। प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देवजी महाराज में भगवान का सुबह पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के पश्चात भक्तों को खीर वितरित की जाएगी। शरद पूर्णिमा पर जन्मस्थान के केशवदेव मंदिर में सजेगा चंद्रलोक
संवाद सहयोगी, मथुरा : शरद पूर्णिमा 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। मंदिरों में आस्था की बयार बहेगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर केशवदेवजी चंद्रलोक के स्वरूप में दर्शन देंगे। द्वारकाधीश मंदिर में भी ठाकुरजी के विशेष दर्शन होंगे। प्राचीन केशवदेव मंदिर में ठाकुरजी का अभिषेक किया जाएगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भगवान श्रीकेशवदेव मंदिर को चंद्रलोक के स्वरूप में सजाया जाएगा। केशवदेव भगवान चंद्रलोक के स्वरूप में दर्शन देंगे। मंदिर को रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा से जगमग किया जाएगा। शरद पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ सुबह 8. 30 बजे श्रीगिरिराज के अभिषेक से किया जाएगा। 11. 30 बजे से प्रसादी भंडारे का आयोजन किया जाएगा। शाम सात से रात दस बजे तक भजन गायन किया जाएगा। महारास का मंचन रात 11 बजे तक होगा। रात 11 बजे श्रीगिरिराजजी की महाआरती होगी। श्रद्धालुओं का प्रवेश रात 11 बजे तक हो सकेगा। जन्मस्थान के विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर ने बताया कि केशवदेव मंदिर को चंद्रलोक के स्वरूप में सजाया जाएगा। छप्पनभोग का आयोजन किया जाएगा।
द्वारकाधीश मंदिर में शाम 6.30 से 7.30 तक विशेष दर्शन होंगे। ठाकुरजी के दर्शन करने को रेला उमड़ेगा। मीडिया प्रभारी एड राकेश तिवारी ने बताया कि ठाकुरजी मंदिर चौक में आकर भक्तों को दर्शन देंगे। प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देवजी महाराज में भगवान का सुबह पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के पश्चात भक्तों को खीर वितरित की जाएगी।