आस्था की सुंगध से महकने लगी ब्रज चौरासीकोस परिक्रमा

संवाद सूत्र सुरीर अधिक मास पर समूची दुनिया का वैभव बृज चौरासी कोस के आंगन में सिमटने लगा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 05:43 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:43 AM (IST)
आस्था की सुंगध से महकने लगी ब्रज चौरासीकोस परिक्रमा
आस्था की सुंगध से महकने लगी ब्रज चौरासीकोस परिक्रमा

संवाद सूत्र, सुरीर: अधिक मास पर समूची दुनिया का वैभव बृज चौरासी कोस के आंगन में सिमटने लगा है। परिक्रमा के भक्ति की बगिया में आस्था के पुष्पों की सुगंध महकने लगी है। चारों दिशाओं से कान्हा की भक्ति में उमड़ रहे भक्तों की भीड़ से चौरासी कोस परिक्रमा अब सकरी नजर आने लगी। आसमान से बरसती सूरज की आग और नीचे धधक रही धरती कान्हा के भक्तों की आस्था को डिगाने की जुर्रत नहीं कर सकी है। चौरासी कोस परिक्रमा में मानव श्रृंखला बन गई है।

जिले के साथ राजस्थान और हरियाणा में होकर निकल रही बृज चौरासी कोस परिक्रमा में आस्था, श्रद्धा के साथ सेवाभाव के नजारे देखने को मिल रहे हैं। संगीतमय भजनों की धुनों पर थिरकते परिक्रमार्थी भजन कीर्तन करते जा रहे हैं। परिक्रमा मार्ग में सेवाभावी लोग परिक्रमार्थियों को पूड़ी, हलुवा, चाय, फल खिलाते दिख रहे हैं। 90 वर्षीय रामवती भले ही अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हो, पर अधिक मास में बृज चौरासी कोस परिक्रमा करने का उनका जज्बा अभी बरकरार है। कमर झुकी हुई और हाथ में लाठी के सहारे कदम बढ़ाने वाली रामवती अपने बेटे सुनहरी के साथ बृज परिक्रमा कर रही हैं। कुछ यही उत्साह बुजुर्ग प्रेमवती, ललिता, रामलाल के चेहरे पर देखने को मिला है। अधिक मास बढ़ने के साथ बृज चौरासी कोस की परिक्रमा को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, यूपी, झारखंड, गुजरात, उत्तराखंड समेत अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बृज परिक्रमा में पहुंच रहे हैं। राधे-राधे के जयघोष से परिक्रमा कृष्णमय नजर आ रही है। एकादशी पर परिक्रमा में खूब किया दान पुण्य

सुरीर: अधिक मास की एकादशी पर लोगों ने चौरासी कोस परिक्रमा में खूब दान-पुण्य किया। मिठाई व फल व चाय आदि खाद्य सामग्री बांट कर परिक्रमार्थियों की सेवा की। इस सेवाभाव को देख परिक्रमार्थियों की थकान दूर हो रही है। अधिक मास की एकादशी के अवसर पर रविवार को परिक्रमा मार्ग स्थित देवी मंदिर सुरीर में महंत रघुनंदन दास महाराज और सेवाभावी लोगों ने परिक्रमार्थियों को चाय नाश्ता के अलावा मिठाई व फल आदि खाद्य पदार्थ वितरित किए गए।

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