आस्था की सुगंध से महक रही ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा

संवाद सूत्र सुरीर अधिक मास में इन दिनों समूची दुनिया का वैभव बृज चौरासी कोस के आंगन में सिम

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 05:36 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 05:36 AM (IST)
आस्था की सुगंध से महक रही ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा
आस्था की सुगंध से महक रही ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा

संवाद सूत्र, सुरीर: अधिक मास में इन दिनों समूची दुनिया का वैभव बृज चौरासी कोस के आंगन में सिमट आया है। परिक्रमा में भक्ति के पुष्पों की सुगंध महक रही है। चारों दिशाओं से कान्हा की जय जयकार हो रही है। कोरोना भी कान्हा के भक्तों की श्रद्धा को डिगाने की जुर्रत नहीं कर सका है। तमाम झंझावतों को दरकिनार कर श्रद्धालु परिक्रमा को निकल पड़े हैं। चौरासी कोस में मानव श्रृंखला नजर आ रही, जो चौबीस घंटे यथावत चल रही है।

जिले के साथ राजस्थान और हरियाणा में होकर निकल रही बृज चौरासी कोस परिक्रमा में आस्था, श्रद्धा के साथ सेवाभाव के नित नए नजारे देखने को मिल रहे हैं। जगह-जगह संगीतमय भजनों की धुनों पर थिरकते परिक्रमार्थी भजन कीर्तन करते निकल रहे हैं। परिक्रमा मार्ग में सेवाभावी लोग परिक्रमार्थियों की मनुहार कर पूड़ी, हलुवा, चाय, फल बांटते तथा भंडारा चला कर खाना खिलाते दिख रहे हैं। तमाम महिला व पुरुष भले ही अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं, पर अधिक मास में मोक्ष की कामना को लेकर कान्हा के बूते बृज चौरासी कोस परिक्रमा कर रहे हैं। अधिक मास में अब कुल ग्यारह दिन शेष हैं। जिससे परिक्रमा को श्रद्धालुओं का सैलाब चरम पर है। राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, यूपी समेत अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बृज परिक्रमा को आए हैं। जिनके राधे-राधे के जयघोष से चौरासी कोस परिक्रमा कृष्णमय नजर आ रही है। वाहनों से भी परिक्रमा दे रहे श्रद्धालु-

ब्रज चौरासी कोसी की परिक्रमा को कुछ ऐसे भी श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं, जो पैदल न चल पाने की वजह से साइकिल, मोटरसाइकिल, ई रिक्शा, टेंपो तथा कार से चौरासी कोस की परिक्रमा दे रहे हैं। बाइक से परिक्रमा देकर लौटे सुरीर के देव छोंकर और कृष्ण कुमार वाष्र्णेय ने बताया कि उन्होंने सभी तीर्थों के दर्शन करते हुए दो दिन में चौरासी कोस की परिक्रमा पूरी कर ली। परिक्रमा में अपने जिले व हरियाणा में कई जगह रास्ता बेहद खराब हैं, जबकि यहां के मुकाबले राजस्थान में परिक्रमा का रास्ता काफी अच्छा है। सुशील कुमार का कहना है कि परिक्रमा के दौरान स्टीमर से यमुना पार कराने को मनमाना किराया वसूला जा रहा है। बाइक पार करने को पचास रुपये जबरन वसूले जा रहे है। दीपेश गुप्ता का कहना है कि चौरासी कोस में कहीं भी प्रशासनिक व्यवस्था नजर नहीं आई हैं। रास्ता में सेवाभावी लोग ही परिक्रमार्थियों की सेवा कर रहे हैं।

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