सीमा विवाद में उलझी पुलिस, आगे नहीं बढ़ी जांच
आठ करोड़ के मोबाइल फोन से भरे कैंटर वाहन लूट का मामला
जागरण संवाददाता, मथुरा: ग्रेटर नोएडा से मोबाइल फोन की खेप लेकर बेंगलुरु जा रहे कैंटर वाहन लूट के मामले में पुलिस सीमा विवाद में उलझ गई है। इससे जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। कंपनी ने थाना फरह पुलिस को सभी मोबाइल के ईएमआइ नंबर उपलब्ध करा दिए हैं। दो फोन के आन होने की भी जानकारी मिली है।
ओप्पो कंपनी के 8990 मोबाइल फोन लेकर कैंटर वाहन चालक मुनीष यादव (मानिकपुर, फर्रुखाबाद) पांच अक्टूबर को बेंगलुरु के लिए जा रहा था। मथुरा-आगरा हाईवे स्थित रैपुरा जाट गांव के पास ग्वालियर को जाने वाले बाइपास से मुनीष यादव ने कैंटर में दो युवकों को सवारी के रूप में बैठाया था। दोनों कैंटर लूट ले गए। चालक मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले और कैंटर मध्यप्रदेश के ही आगर-मालवा जिले में मिला। कंपनी के मैनेजर सचिन मानव ने घटना की रिपोर्ट थाना फरह में कराई। पुलिस कैंटर वाहन चालक या फिर कैंटर के मिलने के स्थान को ही घटनास्थल मान रही है। इसलिए जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।
इधर, कंपनी के मैनेजर सचिन मानव का कहना है, उन्होंने थाना फरह पुलिस को सभी मोबाइल फोन के ईएमआइ नंबर उपलब्ध करा दिए हैं। कंपनी के मैनेजर ने बताया, घटना को लेकर आज दिन भर कंपनी के तकनीक अधिकारियों के साथ मीटिग हुई है। एसएसआइ थाना फरह सत्यवीर सिंह ने बताया, सर्विलांस की मदद ली जा रही है। एसपी सिटी एपी सिंह ने बताया, अभी घटनास्थल का निर्धारण किया जा रहा है। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। खोजने हैं कई सवालों के जवाब: पुलिस को घटना का पर्दाफाश करने के लिए कई सवालों के जवाब खोजने हैं। बदमाश ग्वालियर जाने वाले रास्ते से चढ़े और करीब बारह घंटे तक कैंटर में यात्रा करते रहे। इस बीच बदमाशों ने कैंटर को क्यों नहीं लूटा। बदमाश कैंटर के बबीना पहुंचने तक क्यों इंतजार करते रहे। कैंटर वाहन चालक ने दूसरी सवारियां बैठाई या नहीं। कहां-कहां चालक और बदमाशों ने कैंटर को रोका। क्या वह कैंटर को 12 घंटे तक लगातार चलाता रहा। ये सवाल पुलिस के गले नहीं उतर रहा है। ट्रांसपोर्टर मालिक ने पुलिस को तत्काल सूचना क्यों नहीं दी।