दवा से लेकर उपकरण तक डुप्लीकेट

आक्सीमीटर थर्मामीटर व स्टीमर वेपोराइजर की बाजार में हुई भरमारबिना गारंटी के बिक रहा माल सत्यता पर भी नहीं किया जा सकता भरोसा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:13 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:13 AM (IST)
दवा से लेकर उपकरण तक डुप्लीकेट
दवा से लेकर उपकरण तक डुप्लीकेट

जागरण संवाददाता, मथुरा: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जैसे-जैसे संक्रमितों का ग्राफ बढ़ रहा है। वैसे-वैसे बाजार में डुप्लीकेट सामान की भरमार हो रही है। जहां दो दिन पहले तक पल्स आक्सीमीटर और थर्मामीटर खोजने पर भी नहीं मिल रहे थे, आज बाजार में उनकी बाढ़ आ गई है। हालांकि इनकी सत्यता को लेकर खुद दुकानदार कोई गारंटी नहीं ले रहे हैं। उधर, चिकित्सक भी बाजार में मिल रहे उपकरण की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।

कोरोनाकाल में अभी तक आम आदमी उपकरण और दवाओं की हो रही कालाबाजारी से जूझ रहा था। पांच सौ से छह सौ रुपये का मिलने वाला पल्स आक्सीमीटर अब बाजार में 1200 से 1500 रुपये में मिल रहा है, वह भी डुप्लीकेट। ठीक इसी तरह से डिजीटल थर्मामीटर 50 से 70 रुपये में मिलता था। वह आज 100 से 150 रुपये में मिल रहा है। इतना ही नहीं स्टीमर वेपोराइजर, नेबुलाइजर, बीपी मशीन आदि भी बाजार में डुप्लीकेट मिल रहे हैं, जबकि इनके रेट भी अधिक हैं। खास बात यह है कि दवा विक्रेता इन उपकरणों का बिल नहीं दे रहे हैं। अगर कोई बिल मांग भी लेता है तो जीएसटी आदि लगाकर इतना रेट अधिक कर देते हैं कि खरीदने वाला भी बिना बिल के लेकर इन्हें चला जाता है, गारंटी तो बहुत दूर की बात हो गई। जबकि ओरिजनल उपकरण की छह से एक वर्ष की गारंटी भी आती है।

केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि मार्केट में कोरोना से संबंधित टेबलेट भी डुप्लीकेट आ गई हैं। एंजीथ्रोमाइसिन, लिमसी आदि दवा भी डुप्लीकेट मिल रही है। वहीं आइएमए के उपाध्यक्ष तथा सिटी हास्पिटल के डाक्टर गौरव भारद्वाज का कहना है कि बाजार में डुप्लीकेट दवा और उपकरण ने अपना पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। आम आदमी इनमें अंतर भी नहीं पकड़ सकता। डुप्लीकेट उपकरण की कोई विश्वसनीयता नहीं होती है। इसलिए अगर आप इन उपकरण से पल्स या फिर फीवर चेक कर रहे हैं तो बार-बार चेक करें, जिसका एक अनुपात को ही मान्य मानें। यह है पहचान

थोक विक्रेताओं का कहना है कि ओरिजनल उपकरण की सबसे पहले गारंटी आती है। दवा या फिर उपकरण का दुकानदार को बिल भी देने में कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन डुप्लीकेट उपकरण का दुकानदार बिल नहीं देता है। इसलिए दवा और उपकरण लेते समय बिल अवश्य लें। सामान-असल रेट-मौजूदा रेट

पल्स आक्सीमीटर-700-2000 से 3000

थर्मामीटर (पारा)-40 से 50-120 से 150

थर्मामीटर (डिजिटल)-40 से 70-200 से 250

स्टीमर वेपोराइजर-150 से 180-400 से 600

नेबुलाइजर- 850 से 950 - 1200 से 1500

बीपी मशीन- 1000 से 1200- 1400 से 1500

मास्क- 02-10 से 15

ग्लब्स 100पीस- 200 से 250- 500 से 600 नाम में हेरफेर में बिक रही डुप्लीकेट दवा: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ बाजार में नकली दवाओं की भरमार है। ओरिजनल कंपनी के नाम की स्पेलिग में सिर्फ शब्द बदलकर मरीजों को थमाई जा रही है। जिसे आम आदमी तो दूर कई बार खुद दवा विक्रेता भी पकड़ नहीं पा रहे हैं। ऐसी दवा ओरिजनल दवा की तुलना में काफी सस्ते रेट में दुकानदारों को मिल रही है, जिसे वह ओरिजनल से दो-चार रुपये सस्ता बेचकर भी अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। यदि कोई दुकादार नकली सामग्री देता है तो उपभोक्ता संरक्षा अधिनियम के तहत उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। स्थायी लोक अदालत में इसके लिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। ड्रग इंस्पेक्टर के यहां भी शिकायत हो सकती है। सामग्री खरीदते वक्त बिल जरूर लें, यदि दुकानदार बिल नहीं दे रहा है, तो भी इसकी शिकायत की जा सकती है। ये ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के तहत ये कृत्य आपराधिक श्रेणी में आता है और इसमें आजीवन कारावास तक का प्रविधान है।

आशुतोष मिश्रा, एडवोकेट, उपभोक्ता मामले।

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