400 में मिल रहा आक्सीजन सिलिडर, बढ़ सकती है किल्लत

दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसकी वजह से एक बार फिर आक्सीजन सिलिडर की मांग बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 05:52 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 05:52 AM (IST)
400 में मिल रहा आक्सीजन सिलिडर, बढ़ सकती है किल्लत
400 में मिल रहा आक्सीजन सिलिडर, बढ़ सकती है किल्लत

जागरण संवाददाता, मथुरा: दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसकी वजह से एक बार फिर आक्सीजन सिलिडर की मांग बढ़ गई है। आगामी दिनों में स्थिति फिर से बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। कान्हा की नगरी में भी सिलिडर 400 रुपये में बिक रहा है। व्यावसायिक कार्य करने वाले अभी से सिलिडर का स्टाक करने लगे हैं।

कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिल्ली में लगातार बढ़ती जा रही है। संक्रमित मिल रहे मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। शहर के आक्सीजन गैस सप्लायर्स का कहना है कि दिल्ली के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आक्सीजन गैस जा रही है। ऐसे में अभी जरूरत भर तो आक्सीजन मथुरा को मिल रही है, लेकिन स्टाक लायक आपूर्ति नहीं हो पा रही है। क्योंकि दूसरे जिलों को भी मथुरा से गैस की सप्लाई की जा रही है। आम दिनों में जिले में प्रतिदिन 700 से 900 सिलिडर की आवश्यकता होती है। यह सभी सिलिडर करीब एक दर्जन सप्लायर्स से सप्लाई होते हैं। इनमें व्यावसायिक तथा मेडिकल दोनों तरह के सिलिडर की संख्या शामिल हैं। अग्रवाल गैस सप्लायर्स के पीयूष अग्रवाल ने बताया कि अभी तक तो सब कुछ ठीक है, लेकिन आगामी दिनों में स्थिति बिगड़ सकती है। क्योंकि दिल्ली के बाद कान्हा की नगरी में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। - कम नहीं हो रहे आक्सीजन सिलिडर के रेट

अगस्त और सितंबर में आक्सीजन का सिलिडर 600 से 700 रुपये तक मिल रहा था। वह भी तीन-तीन दिनों के इंतजार के बाद। आज भी जिले में सिलिडर 400 रुपये से कम नहीं हैं। कोरोना काल से पहले यह सिलिडर 250 से 300 रुपये में मिल जाया करता था। दुकानदारों की नजर दिल्ली पर टिकी हुई है। - हमारे यहां 700 सिलिडर के करीब खपत है, जबकि प्लांट लगने से 1500 सिलिडर तक की व्यवस्था कर ली गई है। हमारे यहां से तो दूसरे जिलों को आक्सीजन गैस की सप्लाई की जा रही है। मथुरा में आक्सीजन गैस की कमी नहीं पड़ने दी जाएगी।

अनिल कुमार, औषधि निरीक्षक

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