पंचायत चुनाव के बाद गेहूं की खरीद में आई तेजी

अब तक 5746 किसानों से 2.76 लाख कुंतल गेहूं खरीदा जा चुका है। गोदाम में अनलोडिंग न होने से केंद्रों के बाहर ट्रकों की लाइन लगी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:10 AM (IST)
पंचायत चुनाव के बाद गेहूं की खरीद में आई तेजी
पंचायत चुनाव के बाद गेहूं की खरीद में आई तेजी

जासं, मैनपुरी: पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद जिले में सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद में फिर तेजी आ गई है। क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक भी तेज हो गई है। अब तक जिले में साढ़े पांच हजार किसानों ने 2.76 लाख कुंतल गेहूं बेचा है। इसके साथ गेहूं खरीद का आंकड़ा बढ़ने लगा है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के गोदामों में ट्रकों से गेहूं उतारने में समय लग रहा है। इस कारण गोदामों के बाहर ट्रकों की लंबी लाइन लग रही है। गोदामों पर समय से अनलोडिग न होने के कारण क्रय केंद्रों पर गेहूं के ढेर लग रहे हैं, जिससे क्रय केंद्र प्रभारी परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह में शुरू हुई गेहूं की खरीद पंचायत चुनाव के चलते तेजी नहीं पकड़ पा रही थी। इस कारण अप्रैल माह में खरीद का आंकड़ा एक लाख मीट्रिक टन का आंकड़ा ही पार कर पाया। अब मई माह की शुरुआत के साथ गेहूं की खरीद तेज हो गई है।

शुक्रवार तक जिले के 84 क्रय केंद्रों पर दो लाख 76 हजार कुंटल गेहूं की खरीद हुई है। इसमें 57 सौ किसानों ने अब तक हिस्सा लिया है। डिप्टी आरएमओ उदित नारायन सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव का काम पूरा होने के बाद अब किसान खरीद केंद्रों पर आने लगा है। आगामी दिनों में खरीद का काम और तेज होगा।

अस्वस्थ कार्मिक घर से काम करने को अधिकृत

जासं, मैनपुरी: कोरोना संक्रमण के दौर में शासन का आदेश सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है। अब अस्वस्थ कार्मिक घर से कार्य करने के लिए अधिकृत होंगे, जबकि शारीरिक रूप से दिव्यांग कार्मिक और गर्भवती महिलाएं भी घर से काम कर सकेंगे।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 21 अप्रैल को 50 फीसद कार्मिकों को कार्यालय आकर और 50 फीसद कार्मिकों को घर से कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। अब इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है। निर्देशों में कहा गया है कि अब स्वीकृत जनशक्ति के सापेक्ष 50 फीसद कार्मिक कार्यालय में उपस्थित होकर काम करेंगे, कितु एक समय में कार्मिकों की उपस्थिति स्वीकृत जनशक्ति की 33 फीसद से ज्यादा नहीं होगी, जबकि शेष 50 फीसद कार्मिक घर से कार्य संपादित करेंगे।

मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने बताया कि शासन के निर्देशों का पालन कराने को कहा गया है। अब विभागाध्यक्ष अपनी योजना बनाकर कार्मिकों से शासन के निर्देशों के अनुरूप काम ले सकते हैं।

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