हैंडपंप छोड़ गए पानी, अब सबमर्सिबलों का सहारा

ब्लाक क्षेत्र में पानी का अकाल सा पड़ा है। ग्राम पंचायत सेमरी में जलस्तर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:20 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:20 AM (IST)
हैंडपंप छोड़ गए पानी, अब सबमर्सिबलों का सहारा
हैंडपंप छोड़ गए पानी, अब सबमर्सिबलों का सहारा

संसू, बरनाहल (मैनपुरी): ब्लाक क्षेत्र में पानी का अकाल सा पड़ा है। ग्राम पंचायत सेमरी में जलस्तर गिरने से 22 में से 21 हैंडपंप बेकार हो गए हैं। एक सही है, तो वह भी रुक-रुककर पानी उगल रहा है। ग्रामीणों ने पीने के पानी की जरूरत को धरती का सीना छलनी कर करीब सौ सबमर्सिबल लगा दी हैं। अब गांव में कमजोर ग्रामीण पैसे से पानी खरीद रहे हैं।

पीने के पानी की हकीकत से रू-ब-रू होने के लिए जागरण टीम मंगलवार को सेमरी पहुंची। गांव की सड़क से ही पेयजल इंतजामों की बानगी सामने आ गई। सड़क किनारे लगे कई इंडिया मार्का हैंडपंप पानी देना छोड़ चुके थे। कुछ ऐसा ही हाल के भीतर भी दिखा, यहां अधिकांश हैंडपंप शोपीस बने दिखाई दिए। पानी के विकट हालातों को लेकर बातचीत का दौर चला तो ग्रामीणों ने बताया कि अब तो पानी मोल मिल रहा है। गांव में केवल एक ही हैंडपंप सही है, जो पानी देते- देते रुक जाता है। कुछ देर के इंतजार के बाद पानी देता है। दो दशक पहले 70 फीट से बाहर आने वाला पानी जलस्तर गिरने से अब 140 फीट नीचे जा चुका है।

गांव में लगी हैं सौ सबमर्सिबल-

भूगर्भ जलस्तर गिरने से ग्रामीण पीने के पानी को परेशान दिखे। बातचीत शुरू हुई तो बोले, कई साल से पानी नीचे चला जा रहा है। पीने का पानी पहले कुंओं से भरते थे। हैंडपंप आने के बाद गांव के आठ कुएं बेकार हो गए। जलस्तर गिरने से यह भी शोपीस बनने लगे तो पांच सौ घर वाले इस गांव में सबमर्सिबल लगाने का क्रम शुरू हो गया, आज गांव में सौ के करीब सबमर्सिबल लगी हैं।

अब पैसों से पानी-

पानी अब गांवों में भी मोल बिकता है। बानगी गांव सेमरी में देखने को मिली। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कमजोर और गरीब निवासी संपन्न ग्रामीणों की सबमर्सिबलों से पानी भरते हैं। बदले में उनको मासिक भुगतान भी करना पड़ता है।

- ग्रामीणों की बात-

गांव में हैंडपंप शोपीस बन गए हैं। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए संपन्न ग्रामीणों पर आश्रित होना पड़ रहा है। बिजली नहीं आने से ग्रामीण पानी का इंतजार करते रहते हैं।- नंदिकशोर।

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गांव में पानी की समस्या विकराल हो गई है। पीने के पानी के लिए परेशानी ज्यादा होने लगी है। हैंडपंप आए दिन खराब होते रहते हैं। ऐसा ही हाल रहा तो गांव में अकाल पड़ जाएगा।- नीलेश

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हैंडपंप से पानी लेते समय उसके नीचे लगी पटिया रंगीन होने लगी हैं। पानी में जरूर कोई कमी हो रही है, कोई अफसर ध्यान नहीं देता है। यह पानी बीमारी का कारण बनेगा।- रामदुलारे।

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हैँडपंप खराब होने से अब संपन्न परिवारों की सबमर्सिबल ही सहारा है। पैसा देकर कम से कम पानी तो मिल रहा है। शासन- प्रशासन के भरोसे तो प्यासे रह जाएंगे।- राजेश।

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ब्लाक क्षेत्र में पानी का संकट है। इसके लिए काम कराया जा रहा है। गांव-गांव बारिश के पानी को सहेजने को योजना चल रही है। पानी बर्बादी की वजह बन रहीं सबमर्सिबलों को निकलवाने को भी विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। - ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी।

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