मंडी से निकलते ही बढ़ जाता सब्जियों का भाव
सीजन के बाद भी कम नहीं पा हो रहे सब्जियों के भाव नए आलू और प्याज से जरूर राहत हरी मटर सबसे महंगी
जासं, मैनपुरी: सीजन के बाद भी तमाम सब्जियों पर महंगाई का साया है। शहर की मंडी से बाहर आते ही सब्जियां दोगुनी-तिगुनी कीमतों पर बिक रही हैं। टमाटर तो एक बार फिर सुर्ख होकर 60 रुपये किलो तक पहुंच गया है। सहालग का बहाना बढ़े भाव की वजह बताया जा रहा है। अब नागरिक किलो की जगह पाव या फिर आधा किलो ही सब्जियां खरीदकर घर के बिगड़े बजट को संभालने में जुटे हैं। गोभी तो किलो के बजाय प्रति एक पीस में बिकरही है।
सरकार ने भले ही पेट्रोल-डीजल के भाव घटा दिए हों, पर सब्जियों पर इसका असर नहीं दिख रहा है। यह आज भी बीते महीने की अपेक्षा अधिक दाम पर ही बिक रही कें। प्याज समेत जरूर कुछ सब्जियों के दाम कम हुए है। वहीं, शहर की मंडी से निकलने के बाद सब्जियां दुकान और ठेल पर आते ही दोगुने मूल्य पर बिक रही हैं। बुधवार को शहर में नए आलू के भाव दो प्रकार के नजर आए। ठेल पर यह बीस और दुकानों पर 25 रुपये किलो बिक रहा था। शहर के लेनगंज में सब्जी की दुकान संचालित करने वाले दुर्वेश ने बताया कि मंडी से लाने पर भाड़ा और खराब माल निकलने से यह महंगी होती हैं।
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सब्जियों के भाव प्रतिकिलो-
टमाटर- 60
मैथी- 80
मटर- 100
बैंगन- 20
गाजर- 30
सेम- 80
शिमला मिर्च- 60
सेंगरी- 60
धनिया- 80
हरी प्याज- 60
बंद गोभी 30
भिडी- 40
अरबी- 15
अदरक-40
लौकी- 30
प्याज-20
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पीस के हिसाब से बिक रही फूल गोभी-
फूल गोभी साइज के हिसाब से बिकती है। करीब आधा किलो वजन वाली गोभी 10 रुपये में और थोड़े बड़े साइज वाली गोभी 15 रुपये प्रति नग बिक रही है।
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महिलाओं की बात-
फुटकर में सब्जी बहुत महंगी बिक रही है। हर कोई मंडी नहीं जा सकता, इसलिए प्रशासन शहर के प्रमुख स्थानों पर सब्जी के स्टाल लगवाए।
- आरती देवी। मंडी में 40 रुपये में टमाटर मिल रहा है तो बाहर 60 में क्यों। सब्जी के दामों में दोगुने तक का अंतर नहीं होना चाहिए। इससे लोग परेशान हैं।
-वर्षा पहले चार सौ रुपये की सब्जी पांच दिन चलती थी, अब दो-तीन दिन में ही खत्म हो जाती है। महीने में ढाई हजार की तो सब्जी पर ही खर्च होते हैं।
-रचना मिश्रा।
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लगातार सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं। फुटकर में तो विक्रेता मनमानी दरों पर सब्जी बेच रहे हैं। इन पर किसी का अंकुश नहीं है। कार्रवाई होनी चाहिए। -आभा अग्रवाल । -
सहालग ने बढ़ाई मांग-
सब्जियों पर महंगाई की वजह सहालग भी हैं। 25 नवंबर को बड़ा सहालग है। शादी-विवाह के आयोजन में मिली शर्ताें की ढील के चलते मेहमान भी बड़ी संख्या में आने लगे है। यही बड़ी वजह है कि सर्दी का सीजन आने के बाद भी सब्जियों के दामों में कमी नहीं आ पा रही है।
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पुराना और नया आलू एक भाव-
नया आलू बाजार में आ तो गया है, मगर अभी 20 से 23 रुपये किलो पर बिक रहा है। नए आलू के रेट देख फुटकर दुकानदारों ने पुराने चिपसोना आलू के भी दाम बढ़ा दिए हैं। फिलहाल नागरिक पुराने आलू को वरीयता दे रहे हैं।