उप्र, मप्र और राजस्थान को जोड़ेगा चंबल एक्सप्रेसवे

मैनपुरी-इटावा मार्ग पर लिया फीडबैकतीन घंटे तक चला सर्वे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 06:50 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 06:50 AM (IST)
उप्र, मप्र और राजस्थान को जोड़ेगा चंबल एक्सप्रेसवे
उप्र, मप्र और राजस्थान को जोड़ेगा चंबल एक्सप्रेसवे

संवाद सूत्र, करहल: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अब चंबल एक्सप्रेस बनाने का खाका तैयार कर रहा है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान को जोड़ेगा। मैनपुरी भी इसमें शामिल है। बुधवार को एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी की टीम ने जिले में इसके लिए सर्वे की कार्रवाई की। करीब तीन घंटे तक लोगों से फीडबैक जुटाया गया।

कंपनी टीम लवकेश झौरे के नेतृत्व में बुधवार सुबह करीब 11 करहल में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के पास मैनुपरी-इटावा रोड पर पहुंची। यहां से गुजरने वालों से ग्वालियर के सफर में आने वाली मुश्किल की जानकारी ली। स्थानीय लोगों से ग्वालियर आने-जाने में लगने वाले समय के संबंध में पूछा। यह भी पूछा गया कि क्षेत्र से हर रोज करीब कितने लोग ग्वालियर आते-जाते हैं। लवकेश ने बताया कि एनएचएआइ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व राजस्थान से जोड़ते हुए चंबल एक्सप्रेस बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस एक्सप्रेसवे से दूरी कम होने के साथ सफर सुगम होगा। इसके लिए एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिड, उत्तर प्रदेश के इटावा, मैनपुरी व आगरा और राजस्थान के जयपुर व कोटा जनपदों में ट्रैफिक सर्वे किया जा रहा है। सर्वे की डीपीआर तैयार करने के बाद एनएचआइ को सौंपी जाएगी। इसके बाद रोड का डिजायन तैयार किया जाएगा। इसी कड़ी में मैनपुरी-इटावा को सिक्सलेन करने की भी तैयारी हो रही है। सर्वे टीम में पवन वर्मा, आमिर खान, अनवर सिद्दीकी, कपिल डोके, जितेंद्र गवाडिया व दीपक गवाडिया शामिल थे। भंडारित आलू ने बढ़ाई शीतगृह संचालकों की दिक्कत

जासं, मैनपुरी: शासन के इसी माह जारी किए गए आदेश से शीतगृह संचालक असमंजस में है। शीतगृहों में भरे दस फीसद आलू ने उनकी दिक्कत बढ़ा दी है। अब पांच दिन बाद संचालन बंद होने के बाद बाकी आलू का क्या होगा, इसे लेकर संचालक परेशानी में आ गए हैं।

बुधवार को मैनपुरी कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों और कृषकों का इस समस्या पर मंथन हुआ। संचालकों ने कहा कि शासन ने आलू निकासी की तिथि 30 नवंबर तय कर दी है। इस आदेश के बाद अब किसान जमा आलू को निकालने में ढिलाई दिखाने लगे हैं, जिससे शीतग्रहों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। संचालकों का कहना था कि शीत ग्रहों में अभी भी 10 फीसद आलू भंडारित है, जिसे सुरक्षित रखने के लिए मशीनों का संचालन करना पड़ रहा है तो अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।

संचालकों ने कहा कि नया आलू बाजार में आने के बाद इस पुराने आलू की कोई पूछ नहीं होगी। आलू निकासी नहीं होने पर शीतग्रहों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए कृषक अपना आलू 30 नवंबर से पहले निकाल लें। उन्होंने इस मामले में डीएम से पहल करने की मांग की। बैठक में मैनपुरी कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन अध्यक्ष विनय गुप्ता, श्रवण कुमार चंदेल, अमित अग्रवाल और किसान टिल्लू पांडे मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी