बीमारी से दो मासूमों की मौत, कई मरीज भर्ती

बारिश के बाद लोगों की सेहत पर मौसम परिवर्तन की मार पड़ रही है। इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ लगी हुई है जहां चिकित्सकों ने पीड़ितों को उपचार दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:38 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 05:38 AM (IST)
बीमारी से दो मासूमों की मौत, कई मरीज भर्ती
बीमारी से दो मासूमों की मौत, कई मरीज भर्ती

जासं, मैनपुरी : मौसम परिवर्तन लोग बीमार पड़ने लगे हैं। चिकित्सकों के यहां बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इमरजेंसी पहुंचने पर बुखार की चपेट में आए दो मासूमों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य मरीजों को बेहतर उपचार के लिए भर्ती किया गया है।

गुरुवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में सबसे ज्यादा बुखार के मरीजों ने उपचार लिया। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य का कहना है कि इस मौसम में बच्चे जल्दी बीमारियों की चपेट में आते हैं क्योंकि उनका इम्युनिटी सिस्टम विकसित हो रहा होता है। बुखार एक सामान्य समस्या है। इमरजेंसी की स्थिति भी ऐसी ही रही है। यहां सुबह से ही बुखार और डायरिया के मरीजों को भर्ती रखकर प्राथमिक उपचार दिया गया। कोतवाली क्षेत्र के गांव परौंख निवासी इस्लाम की एक माह की पुत्री इकरा दो दिनों से बुखार से बीमार थी। स्वजन स्थानीय चिकित्सक से उपचार दिला रहे थे। गुरुवार की सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे लेकर इमरजेंसी पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया। बुखार की चपेट में आने से किशनी थाना क्षेत्र के गांव उजागरपुर निवासी रीना (6) पुत्री सुरेश को भी स्वजन गंभीर हालत में लेकर इमरजेंसी पहुंचे, जहां बालिका की मृत्यु हो गई। चिकित्सकों का कहना है कि बुखार की समस्या को अभिभावक अनदेखा न करें। हल्की सी शिकायत महसूस होते ही चिकित्सक से परामर्श लें और अपनी जांच कराएं। झोलाछाप से बच्चों को उपचार न दिलाएं। थमी बारिश तो उमस ने बढ़ाई मुश्किल

जासं, मैनपुरी : तीन दिनों तक बारिश से सुहावना रहा मौसम अब मुश्किल बढ़ाने लगा है। बारिश थमने से उमस बढ़ने का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। फंगल इंफेक्शन बढ़ रहा है, जिसकी वजह से त्वचा और ईएनटी से संबंधित समस्याएं बढ़ने लगी हैं। चिकित्सक नमी और धूप के संपर्क में आने से बचने की सलाह दे रहे हैं।

18 जुलाई की रात से जिले में रुक-रुककर लगातार बारिश होने की वजह से गर्मी से बड़ी राहत मिली थी। गुरुवार की सुबह से ही मौसम में अचानक परिवर्तन देखने को मिला। आसमान में बादल तो छाए रहे, लेकिन दोपहर में धूप निकलने के बाद उमस बढ़ गई। उमस और गर्मी की वजह से लोगों का बुरा हाल रहा। मौसम में यह बदलाव सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है

त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गौरांग गुप्ता का कहना है कि इस मौसम में सबसे ज्यादा त्वचा संबंधित रोग फैलते हैं। जांघों और हाथों के अंदरूनी हिस्सों में लगातार पसीना आने की वजह से खुजली होती है। लगातार खुजलाते रहने पर वहां जख्म बन जाते हैं, जिनसे बाद में खून आने लगता है। त्वचा के ऊपरी हिस्सों पर लालिमा का आना, दाने पड़ना, दाद और खाज के साथ खुजली का होना और रैसेज पड़ जाना ये भी सामान्य समस्याएं हैं। ज्यादातर फंगल इंफेक्शन जोर पकड़ते हैं। अनदेखी करने पर समस्या बढ़ जाती है।

ईएनटी विशेषज्ञ डा. अतुल जैन का कहना है कि नमी युक्त मौसम में कान से संबंधित दिक्कतें भी बढ़ती हैं। कान के पर्दे में फंगस बढ़ने लगते हैं जिसके कारण एक मोटी पर्त जम जाती है। लगातार कान में खुजली होती है, जिसकी अनदेखी करने पर बाद में सुनाई देने में भी परेशानी होती है। ज्यादातर बच्चों के गले में छालों की समस्या भी देखने में आ रही है। जो मौसम में गर्मी से ही ज्यादा होती है। ऐसे में बेहतर है कि धूप और उमस के बीच जाने से बचाव करें। ये बरतें सावधानियां

- त्वचा को सूखा बनाए रखें। पसीना और नमी फंगस को बढ़ाते हैं।

- धूप और उमस के बीच न जाएं।

- नहाते समय कान में रुई लगाकर रखें और बाद में उसे हटा दें।

- कान को लोहे की कील या अन्य तीलियों से साफ न करें।

- बच्चों को तली, भुनी और बाजार की खाद्य वस्तुओं का सेवन न करने दें।

- ज्यादा से ज्यादा मौसमी फल और हरी सब्जियों का सेवन करें। दिन भर में कम से कम पांच लीटर पानी पिएं।

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