खंदी में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत

पिता के साथ गए थे खेत पर लौटते में गिरे पानी से भरी खंदी में दो घंटे बाद स्वजनों ने की तलाश तो हुई हादसे की जानकारी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:21 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:21 AM (IST)
खंदी में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत
खंदी में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत

संवाद सूत्र, बरनाहल (मैनपुरी): थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव बनिगवां में खेत से लौट रहे दो सगे भाई सड़क किनारे पानी से भरी खंदी में गिर गए। कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों को खंदी में शव उतराते हुए दिखाई दिए तो हादसा की जानकारी हुई। आधा घंटे के बाद ग्रामीण ने शवों को बाहर निकाल सके।

गांव बनिगवां के नरेंद्र सिंह गुड़गांव में रहकर प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनकी पत्नी बच्चों के साथ गांव में रहती हैं। सोमवार को नरेंद्र छुट्टी लेकर धान की फसल की रोपाई करने आए थे। मंगलवार को करीब ढाई बजे नरेंद्र अपने पुत्र 14 वर्षीय अंजुल उर्फ दीपक और 11 वर्षीय आशू उर्फ अर्पित के साथ खेत पर गये थे। वहां से करीब चार बजे नरेंद्र अपने बच्चों के साथ खेत से लौट रहे थे। नरेंद्र आगे चल रहे थे, इसलिए वह घर पहुंच गए, लेकिन दोनों भाई पीछे रह गए।

गांव से कुछ दूरी पर सड़क निर्माण के लिए मिट्टी खोदाई से हुए गड्ढे में पानी भरा हुआ था। नरेंद्र के दोनों बेटे इसी खंदी में किसी तरह गिर गए और उनकी मौत हो गई। इधर, काफी देर तक दोनों भाई घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने तलाश शुरू कर दी। खोजते हुए स्वजन खंदी के पास पहुंचे, तभी एक बच्चे के सिर के बाल दिखाई दिए। ग्रामीणों ने आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों के शवों को बाहर निकाला। दो सगे भाइयों की मौत से आसपास गांव के तमाम लोगों की भीड़ मौके पर आ गई। थाना पुलिस, नायब तहसीलदार अवनीश कुमार, कानूनगो अनिल कुमार, लेखपाल मोहित पहुंच गए। सड़क बनाने को पीडब्ल्यूडी ने कराई थी खोदाई

गांव के लिए करीब पांच किलोमीटर की सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मिट्टी की खोदाई कराई थी। सड़क किनारे करीब 10 फीट मिट्टी खोदी गई है। बारिश में इसी गड़ढे में पानी भरा हुआ है। बार-बार बेसुध होती रही इकलौती बहन

दोनों भाइयों के मौत के बाद गांव में शोक व्याप्त है। मृतकों की इकलौती बड़ी बहन शालू और अन्य स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बहन रोते-रोते कई बार बेसुध होती रही। गांव में शाम को किसी घर में चूल्हा नहीं जला।

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