24 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण से 12 लोगों की मौत
264 लोग मिले पाजिटिव नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हालात फैल रही दहशत
जासं, मैनपुरी: जिले में कोरोना वायरस से हालात बदतर होने लगे हैं। 24 घंटों में 12 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, जबकि अलग-अलग क्षेत्रों में 264 लोग पाजिटिव पाए गए हैं। मौत का आंकड़ा बढ़ने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग भी बेवश नजर आ रहा है।
कोरोना से बिगड़े जिले के हालात अब स्वास्थ्य विभाग के काबू से बाहर होते जा रहे हैं। 24 घंटों में मरने वालों की संख्या 12 पहुंच गई। लोक निर्माण विभाग में तैनात अवर अभियंता एमपी सिंह की संक्रमण की चपेट में आने से इलाज के दौरान मौत हो गई। किशनी में चार लोगों की मौत हुई है। मुहल्ला गढ़ी निवासी मीना शर्मा (70) को अचानक सांस लेने में समस्या शुरू हो गई। स्वजन सीएचसी लेकर पहुंचे। जांच में वे कोरोना संक्रमित मिलीं। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कस्बा के ही सदर बाजार निवासी चंदन वर्मा (32) को संक्रमण के बाद से ही स्वजन द्वारा आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में उपचार दिलाया जा रहा था। सोमवार की सुबह उनकी मौत हो गई। रामनगर तिराहा निवासी मोहन लाल शर्मा की भी कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई। चितायन निवासी जयराज सिंह (42) ने भी दम तोड़ दिया। एलाऊ थाना क्षेत्र के गांव पुड़री निवासी कुलदीप (40) को सांस लेने में समस्या बढ़ने के बाद स्वजन इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
बिछवां के औरंध निवासी धर्मेंद्र सिंह (45), कोतवाली क्षेत्र के सिंह नगर निवासी किरन (45), किशनी थाना क्षेत्र के गांव भागपुर सगौनी निवासी शिशुवेंद्र (38), मैनपुरी निवासी देवेंद्र सिंह (70), भोगांव निजामपुर निवासी दम्मीलाल राजपूत (70) और लाखनमऊ निवासी 54 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई। 264 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद ज्यादातर को एल-2 आइसोलेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि अधिकांश को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
डोली से पहले उठी बाबुल की अर्थी
किशनी के रामनगर तिराहा निवासी मोहन लाल शर्मा की पुत्री मंजू की सोमवार को ही बारात आनी थी। घर में तैयारियां चल रही थीं। जैसे ही कोरोना संक्रमण से पिता की मौत की खबर मिली, परिवार में मातम पसर गया।
इमरजेंसी में कम पड़ गए बिस्तर
सोमवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। स्थिति यह रही कि दिनभर बिस्तरों की कमी बनी रही। एक-एक बिस्तर पर दो-दो मरीजों को भर्ती करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन द्वारा ओपीडी सेवाओं के बंद होने के बाद इमरजेंसी में मरीजों के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं कराई गई है। अव्यवस्था की वजह से मरीजों के तीमारदारों में जबरदस्त रोष व्याप्त है।